Fertilizer crisis: ब‍िहार में खाद संकट! स्टाॅक की कमी और कालाबाजारी से क‍िसान परेशान

Fertilizer crisis: ब‍िहार में खाद संकट! स्टाॅक की कमी और कालाबाजारी से क‍िसान परेशान

रबी सीजन में बिहार के क‍िसान रासायनिक खाद की भारी कमी से परेशान हैं. क‍िसानों को फसलों में छ‍िड़काव करने के ल‍िए खाद नहीं म‍िल पा रही है. इस वजह से फसलों के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका गहराने लगी है.

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Fertilizer crisis: ब‍िहार में खाद संकट! स्टाॅक की कमी और कालाबाजारी से क‍िसान परेशानउर्वरक की कमी से बिहार के किसान परेशान, फोटो साभार: photo google

इस बार मौजूदा रबी सीजन में बिहार में रासायनिक खाद की भारी कमी और दोगुने हो रहे दामों और उसमें हो रही कालाबाजारी से किसान काफी परेशान और चिंतित हैं. इसको लेकर किसानों का मानना है कि खाद की कमी का गहरा असर रबी फसलों पर पड़ेगा. जिससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा. केंद्र सरकार के दावों के बावजूद भी बिहार को खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं प्राप्त हुई है. वहीं बिहार के किसानों को केंद्र सरकार की ओर से खाद की कम आपूर्ति की वजह से पिछले साल खरीफ फसल के समय भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

32 प्रतिशत कम प्राप्त हुई यूरिया

बिहार के कृषि सचिव एन सरवन कुमार के मुताबिक, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री किशोर चौधरी ने जो कहा उसके विपरीत हाल देखने को मिला. बिहार को पिछले खरीफ सीजन में केंद्र द्वारा आवंटित यूरिया की तुलना में 32 प्रतिशत कम यूरिया प्राप्त हुआ था. वहीं रबी सीजन में यूरिया की आपूर्ति सुचारू होने के बावजूद भी, रिपोर्ट के अनुसार राज्य को जनवरी महीने के लिए आवंटित 10,30,000  मीट्रिक टन यूरिया में से लगभग 7,00,105 मीट्रिक टन ही प्राप्त हुआ है.

ऊंचे दामों पर बिक रहा यूरिया

फसलों के सिंचाई के समय हुई यूरिया की किल्लत की वजह से व्यापारी कालाबाजारी कर उसे ऊंचे दामों में बेचने में सफल हो रहे हैं. 260 रुपए सरकारी मूल्य की तुलना में वर्तमान में यूरिया का 50 किलो का पैकेट कथित तौर पर 350-400 रुपये में बेचा जा रहा हैं. वहीं सरकार द्वारा यूरिया की कमी को लेकर सभी जिला कृषि पदाधिकारियों (डीएओ) को पंचायत स्तर पर किसानों को खाद के परिवहन और वितरण पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. वहीं खरीफ सीजन के दौरान राज्य भर में 6200 उर्वरक दुकानों पर छापे मारे गए और यूरिया के कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ 100 से ज्यादा FIR दर्ज की गई थी.  

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जरूरत से कम मिल रहा यूरिया

कृषि विभाग के आकलन के अनुसार पिछले साल रबी फसलों के लिए किसानों को लगभग बारह लाख टन यूरिया, लगभग चार लाख टन डीएपी, एक लाख पचास हजार टन के लगभग पोटाश और दो लाख टन एनपीके मिश्रण की मात्रा के हिसाब से रासायनिक उर्वरकों की जरुरत थी. वहीं इस साल गेहूं के बढ़ते रकबे और अच्छी उत्पादन की उम्मीद लगाए किसानों के साथ-साथ कृषि विभाग भी कम यूरिया की आपूर्ति से चिंतित है. इसको लेकर कई जगह राज्य में किसानों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है. 

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