लेजर लैंड लेवलर का इस्तेमाल करने की सलाह क्यों दे रहे हैं कृष‍ि वैज्ञान‍िक, क‍िसानों को क्या होगा फायदा? 

लेजर लैंड लेवलर का इस्तेमाल करने की सलाह क्यों दे रहे हैं कृष‍ि वैज्ञान‍िक, क‍िसानों को क्या होगा फायदा? 

Benefits of Laser Land Leveler: कृष‍ि वैज्ञान‍िकों का कहना है क‍ि लेजर लैंड लेवलर के प्रयोग से सिंचाई में जल की लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की बचत होती है. हैप्पी सीडर, मल्टी क्रॉप प्लांटर, सुपर सीडर इत्यादि का प्रदर्शन अच्छा होता है. और फसलों की पैदावार में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है.

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लेजर लैंड लेवलर का इस्तेमाल करने की सलाह क्यों दे रहे हैं कृष‍ि वैज्ञान‍िक, क‍िसानों को क्या होगा फायदा? लेजर लैंड लेवलर का क्या है फायदा (Photo-Kisan Tak)

बदलती जलवायु में जमीन से अच्छी पैदावार लेने के लिए खेतों का समतल होना बहुत जरूरी है. जमीन की असमतलता, म‍िट्टी में नमी एवं पोषक तत्वों के वितरण को प्रभावित करती है, जिससे बीज के अंकुरण और फसल की उपज प्रभावित होती है. खेती लायक भूमि समतल होने से किसानों को काफी लाभ होगा. समतल भूमि पर खेती करने से खेती की लागत कम होने के साथ समय की भी बचत होती है. खेती लायक भूमि एक बार समतल हो जाने के बाद फसल बोने, उवर्रक व पानी देने आदि कार्यों में काफी लाभ मिलेगा. बिहार के पूर्वी चंपारण स्थ‍ित परसौनी कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा विशेषज्ञ डॉ. आशीष राय ने क‍िसानों को इस तकनीक का इस्तेमाल करने की सलाह दी है.  

'क‍िसान तक' से बातचीत में उन्होंने कहा क‍ि खेती के अन्य आधुनिक मशीनों की तरह भूमि समतलीकरण के लिए भी लेजर लैंड लेवलर मशीनें आ चुकी हैं. यह परंपरागत विधियों से एकदम हटकर एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें लेजर में लगे किरणों के द्वारा लेवलर को अपने आप नियंत्रित करके भूमि को बराबर मात्रा में समतल कर देते हैं. यह खेती के ल‍िए बड़े काम की तकनीक है. 

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मशीन के मुख्य भाग

लेजर लैंड लेवलर मशीन में कई भाग होते हैं. इसमें लेजर ट्रांसमीटर, कंट्रोल रिसीवर, नियंत्रण इकाई, स्क्रैपर, हाइड्रोलिक नियंत्रण इकाई प्रमुख हैं. इस केवीके के एग्रीकल्चर इंजीन‍ियर‍िंग साइंट‍िस्ट अंशू गंगवार ने बताया कि इस यंत्र का प्रयोग करने से पहले यह ध्यान रखने की जरूरत है कि खेत की गहरी व बारीक जुताई कर ली जाए. खेत में 5 फीसदी नमी होनी चाहिए. खेत में खरपतवार वह फसल के अवशेष धान अथवा गेहूं का पुआल एवं घास आदि नहीं होना चाहिए. यह यंत्र 50-60 हॉर्स पावर के ट्रेक्टर की सहायता से चलता है. एक एकड़ भूमि को समतल बनाने के लिए लगभग दो से ढाई घंटे का समय लगता है. यदि भूमि काफी ऊबड़-खाबड़ है तो इससे अधिक समय भी लग जाता है. 

लेजर लैंड लेवलर को सेट कैसे करें? 

  • सबसे पहले लेजर स्टैंड को खेत के किसी एक किनारे पर खड़ा कर दिया जाता है. 
  • स्टैंड के ऊपर लेजर ट्रांसमीटर को फिट कर दिया जाता है. 
  • लेजर ट्रांसमीटर को 6 बोल्ट से 12 बोल्ट की बैटरी से करंट दिया जाता है. 
  • लेजर ट्रांसमीटर को ऑन करके एक तीन पैर वाले स्टैंड को सेट कर देते हैं. 
  • लेजर ट्रांसमीटर से निकलने वाली किरणें लेजर बीम से जुड़ जाती हैं. 
  • मशीन कंट्रोल रिसीवर, लेजर सेंसर, लेजर बीम को लेने के लिए लेवलर के ऊपर लगे लोहे की पाइप के ऊपर या नीचे उठाते हैं. 
  • जब लेजर सेंसर में हरी लाइट जलने लगती है तो उसी जगह रौड को कस दिया जाता है. 
  • इस प्रकार कंट्रोल बॉक्स में हरी लाइट जलने लगती है. 
  • इसके बाद लेजर सेंसर को ऊपर उठाने पर लेवलर नीचे और नीचे गिराने पर लेवलर ऊपर आने लगता है. 
  • लेवलर को उसी तरीके से ऊपर नीचे उठाकर सेट कर सकते हैं. 
  • सेटिंग होने के पश्चात ट्रैक्टर को स्टार्ट करके अंदर से बाहर की ओर निकलते हुए गोलाई में चलाते हैं. 

भूमि समतलीकरण से लाभ

  • सिंचाई में जल की लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की बचत होती है. 
  • भूमि समतल रहने के कारण आधुनिक कृषि उपकरण जैसे जीरो टिलेज, हैप्पी सीडर, मल्टी क्रॉप प्लांटर, सुपर सीडर इत्यादि का प्रदर्शन अच्छा होता है. 
  • फसलों की पैदावार एक समान तथा 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है. 

सावधानियां

  • स्टैंड एवं लेजर ट्रांसमीटर को पैरों के बीच या बाग में सेट नहीं करना चाहिए.
  • लेजर ट्रांसमीटर को बिजली के तार के नीचे नहीं सेट करना चाहिए. 
  • कोहरा होने पर लेजर ट्रांसमीटर सही से कार्य नहीं करता है
  • कोहरा की स्थिति में लेजर लैंड लेवलर को नहीं चलाना चाहिए. 
  • बैटरी पूरी तरह से चार्ज होना चाहिए, बैटरी चार्ज नहीं है तो ट्रांसमीटर कार्य नहीं करेगा. 

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