आज का युग तकनीक का युग है. काम-काज से लेकर युद्धक्षेत्र तक नई-नई तकनीक का विस्तार हो रहा है. इस दौर में जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा का घेरा बढ़ता जा रहा है. जी हां, रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार आत्मनिर्भर होता जा रहा है. आसमान के शक्तिमान यानी ड्रोन की भूमिका भी आज के इस युग में बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि भारत की ड्रोन शक्ति लगातार बढ़ रही है क्योंकि रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य के युद्ध ड्रोन से लड़े जाएंगे. इसीलिए तो UAV से लेकर कृषि क्षेत्र में भी ड्रोन की मदद से फसलों की निगरानी के लिए तकनीकी विस्तार हो रहा है. साथ ही दुश्मन के ड्रोन हमले को नाकाम करने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम को तवज्जो दी जा रही है. इसके साथ ही हवा में ही दुश्मन के ड्रोन के खात्मे के लिए एंटी ड्रोन गन बनाई जा रही है. तो वहीं घर के दरवाजे तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन पर भी तेजी से काम चल रहा है. इसके साथ ही कामिकाज़े ड्रोन, जिन्हें सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है, जिन्हें केवल एक बार उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है.
ड्रोन खेती के आधुनिक उपकरणों में से एक है जिसके इस्तेमाल से किसानों को काफी मदद मिल सकती है. इससे काफी आसानी से कुछ मिनटों में कीटनाशक, खाद या दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं. इसके साथ ये खेतों की रखवाली में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. सेवा और सुरक्षा के साथ ही ड्रोन खेती-किसानी की दुनिया में भी नए आयाम गढ़ रहा है. खेतों में ड्रोन का इस्तेमाल एक उभरती हुई तकनीक है जो खेती में क्रांति ला रही है. ड्रोन के इस्तेमाल से फसलों की निगरानी, कीटनाशकों का छिड़काव, और मिट्टी के गुणवत्ता की भी जांच हो रही है. इससे समय और लागत की बचत के साथ ही उत्पादकता में बढ़ रही है.
जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के साथ ही उनपर नजर रखने में भी ये ड्रोन काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं. ये ड्रोन आपकी फसल पर भी पूरी नजर रखते हैं कि कई आपकी फसल तो नहीं खराब हो रही. कहीं कोई कीड़ा तो नहीं लग रहा. खेती की दुनिया में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर लगातार रिसर्च जारी है. भारत ही पूरी दुनिया में कृषि ड्रोन को लेकर लगातार काम किया जा रहा है. पूरी दुनिया में इसका बाजार 5.89 अरब डॉलर तक पहुंचने के आसार हैं. हालांकि इन ड्रोन की कीमत अभी बहुत ज्यादा है. छोटे किसानों के लिए इन्हें खरीदना भले ही अभी मुमकिन ना हो, लेकिन उम्मीद है कि आने वाले वक्त में ये सबसे लिए कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे.
ड्रोन की उपयोगिता का दायरा अब लगातार बढ़ता जा रहा है. अब इनका इस्तेमाल लॉजिस्टिक की दुनिया में होने लगा है. कई जगहों पर ऑनलाइन मंगाए जाने वाले सामान की डिलीवरी ड्रोन के माध्यम से शुरू कर दी है. इनके इस्तेमाल से जहां वाहनों के प्रदूषण से राहत मिलेगी वहीं ट्रैफिक से बचकर ये सामान जल्दी आप तक पहुंच सकेगा. इससे लागत में भी कमी आएगी. जहां तस्वीरें खींचने से शुरू हुआ ये सफर युद्ध और राहत समाग्रियों की आवाजाही से लेकर अब लॉजिस्टिक की दुनिया में भी उतर चुका है.
लॉजिस्टिक की दुनिया को किफायती बनाने के साथ ही इन ड्रोन्स के और भी बहुत सारे फायदे हैं. इन ड्रोन्स की मदद से पर्यावरण को भी काफी राहत मिलेगी. सामान पहुंचाने के लिए होने वाले गाड़ियों की उपयोगिता कम होगी. तो जाहिर है पॉल्यूशन से भी लोगों को निजात मिलेगी. इसके साथ ही तकनीक की दुनिया में भारत की धमक बढ़ेगी.अब कामिकेज़ ड्रोन की बात करें जिन्हें लोइटरिंग म्यूनिशन भी कहा जाता है, तो इसकी ताकत को दुनिया देख चुकी है. विस्फोटक पेलोड से लैस लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम ये ड्रोन्स ऑपरेशन सिंदूर में भी अपना दमखम दिखा चुके हैं.
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