देश में इस साल मॉनसून अच्छा रहने वाला है. साथ ही इस बार दलहन फसलों का रकबा बढ़ने के आसार है. कुछ राज्यों में दलहन फसलों 20 जून तक पिछले साल के मुकाबले ज्यादा बुवाई हुई है और किसान ज्यादा रकबे में दलहन की खेती करने के इच्छुक नजर आ रहे हैं. लेकिन अन्य फसलों की तरह दलहन फसलों में खरपतवार बड़ी समस्या है. ऐसे में जानते हैं खरपतवार नियंत्रण की आसान और असरदार विधियां…
आईसीएआर से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक, दलहनी फसलों को खरपतवार से बचाने के लिए यांत्रिक विधियां आसान और प्रभावी मानी जाती है. इसमें खरपतवारों को हाथ से, हाथ से चलने वाले यंत्रों (मशीनों) और पानी से कंट्रोल किया जाता है. यांत्रिक विधि से खरपतवार कंट्रोल करने के लिए अब कई मशीनें बन चुकी हैं, जिनसे काम बहत आसान हो जाता है. किसान कोनोवीडर, व्हील-हो, मोटर से चलने वाली वीडर जैसी मशीनों के इस्तेमाल से खरपतवार को कंट्रोल किया जा सकता है.
भूपरिष्करण या मिट्टी पलट जुताई विधि से खरपतवार के बीज मिट्टी की गहराई में समान रूप से बंट जाते हैं. इससे ऊपरी सतह पर खरपतवारों का प्रेशर कम हो जाता है. ग्रीष्म ऋतु में गहरी जुताई से खेत में मौजूद खरपतवार और उनके बीज जमीन की ऊपरी सतह पर आ जाते हैं और अधिक तापमान होने के कारण सूखकर निष्क्रिय हो जाते हैं. लगातार 5-7 सालों तक इस तकनीक को अपनाकर खेतों से खरपतवारों के प्रकोप को बहुत हद तक सीमित किया जा सकता है.
फसल बुवाई के 20-25 दिनों बाद जब खरपतवार हाथ से पकड़ने लायक हो तो इन्हें उखाड़कर इनका इस्तेमाल आच्छादन की तरह करें या इसे उखाड़कर फसल क्षेत्र से दूर मिट्टी में गहराई में दबा दें. यह विधि छोटे क्षेत्रों के लिए सही होती है. सिंचित क्षेत्रों में पहली सिंचाई के बाद हाथ से खरपतवार उखाड़ना बहुत कारगर साबित होता है.
जैविक विधि से खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई सबसे अच्छा तरीका है. इसमें खुरपी, पैडी वीडर, कोनोवीडर आदि यंत्रों की मदद से खरपतवारों को कंट्रोल किया जाता है. इस विधि को अपनाने के लिए फसलों की बुआई पंक्तियों में की जानी चाहिए. निराई-गुड़ाई के लिए सबसे सही समय फसल की बुआई या रोपाई के 3-4 हफ्ते बाद होता है.
सिंचित क्षेत्रों में फसल बुआई के 20-25 दिनों बाद या पहली सिंचाई के बाद पहली निराई-गुड़ाई और जरूरत पड़ने पर 10-15 दिनों बाद दूसरी निराई-गुड़ाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस समय खरपतवार तेजी से बढ़ती है. इस अवस्था में निराई करने से फसल की अच्छी बढ़वार होती है और बाद में यह खरपतवारों को पनपने नहीं देती.
गहरी जड़ वाले खरपतवारों के ऊपरी भाग को बार-बार काटने से इनका प्रस्फुटन बंद हो जाता है और ये पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं. इसी प्रकार एकवर्षीय खरपतवारों को उनमें बीज बनने या फूल आने से पहले निकाल देने से इनको कंट्रोल किया जा सकता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today