Seed Treatment: खरीफ फसलों के बीज का इन 4 विधियों से करें उपचार, बंपर मिलेगी पैदावार

Seed Treatment: खरीफ फसलों के बीज का इन 4 विधियों से करें उपचार, बंपर मिलेगी पैदावार

खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में किसान फसलों की बुवाई में लग गए हैं, लेकिन खेती से पहले बीज का उपचार करना बहुत जरूरी होता है. ऐसे में आज हम आपको बीज उपचार करने की 4 आसान विधियों के बारे में बताएंगे, जिससे फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी.

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खरीफ फसलों के बीज का इन 4 विधियों से करें उपचार, बंपर मिलेगी पैदावारफसलों का बीजोपचार: Seed Treatment

मॉनसून आते ही देश में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है. कई राज्यों में किसान खरीफ फसलों की खेती करने में जुट गए हैं. ऐसे में खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए बिहार कृषि विभाग की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि किसान खरीफ फसलों की खेती करने से पहले अपने बीजों का उपचार किस विधि से करें. बता दें कि फसलों के लिए बीजों का उपचार करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बीजों का उपचार करने से कई फायदे होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि फसलों के बीजों का उपचार कैसे करें.

इन 4 विधियों से करें बीच उपचार

सीड ड्रम विधि: इस विधि से बीज उपचार करने के लिए सीड ड्रम में बीज डालकर उसमें बीज उपचार के लिए दवाओं को सही मात्रा में डालें. फिर उसमें लगे हैंडल के सहारे ड्रम को इतना घुमाएं कि बीज की परत पर दवा चढ़ जाए.

घड़ा विधि: घड़ा विधि में थोड़ा बीज और सही मात्रा में दवा डाली जाती है. फिर उसी प्रकार थोड़ा-थोड़ा करके घड़े का दो-तिहाई भाग भर दें. इसके बाद घड़े के मुंह को बंद कर इतना हिलाएं कि बीज और दवाएं अच्छी तरह मिल जाएं.

स्लरी विधि: इस विधि में दवाओं को सही मात्रा का गाढ़ा घोल बनाकर बीज के ढेर पर डाल दें. फिर उसे हाथों में ग्लव्स पहन कर अच्छी तरह से मिला दें, ताकि बीज पर दवाओं की परत चढ़ जाए.

घोल विधि: इस विधि में दवाओं की मात्रा का घोल पानी की निर्धारित मात्रा में बनाकर उसमें बीज को कुछ समय तक डुबोकर रख दें. इस विधि से बीज के ऊपर दवाएं अच्छी तरह से चढ़ जाती हैं. 

बीज उपचार करने की अपील

वैज्ञानिक तरीकों से बीज उपचार करने में एक रुपये खर्च करते हैं तो फसल सुरक्षा में की जाने वाली खर्च में दस रुपये की शुद्ध बचत होती है. ऐसे में बिहार कृषि विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि बीज उपचार करके ही बीज की बुआई करें. अच्छे बीज प्राप्त करने के लिए साधारण नमक के 10 फीसदी घोल में बीज को डुबाएं, तैर रहे हल्के बीज को अलग कर दें और डूबे बीज को दो-तीन बार साफ पानी से धोकर छाया में सुखा लें. 

किसान क्यों करें बीज उपचार 

बीज में अंदर और बाहर कई तरह के बीज जनित रोग रहते हैं और मिट्टी में मिट्टी जनित रोग और हवा में वायु जनित रोग मौजूद रहते हैं. ऐसे में अगर किसान खरीफ फसलों की खेती से पहले बीज उपचार शुरू में ही कर लें तो पौधों को सुरक्षा मिलती है. वहीं, बीज की क्वालिटी को बनाए रखने के लिए बीज उपचार करना जरूरी है. 

किसान कैसे करें बीज उपचार 

बीज को जैव कीटनाशी ट्राइकोडर्मा विरीडी या स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 5 ग्राम और 5 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. या बीज को कार्बेन्डाजिम 50 फीसदी, थीरम 75 फीसदी और डब्लू.पी. का 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. वहीं, मिट्टी जनित कीटों से बचाव के लिए क्लोरपायरीफास 20 फीसदी ई.सी का 6 मिलिमीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज उपचार करें. फफूंदनाशी से बीज उपचार करने के बाद ही कीटनाशक से बीज उपचार करें. 

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