
प्याज एक नकदी फसल है, इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए खेती का सौदा है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्याज की मांग मार्केट में हमेशा बनी रहती है. वहीं प्याज के बगैर खाने का टेस्ट भी फीका रह जाता है.दरअसल, प्याज की खेती किसान खरीफ और रबी दोनों सीजन में बड़े स्तर पर करते हैं. प्याज की खेती देश के कई राज्यों में होती है. प्याज में कई पौष्टिक और औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. ऐसे में अगर आप इस बरसात यानी खरीफ सीजन में प्याज की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत किस्म 'AFDR' के बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से प्याज के बीज को ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
AFDR किस्म का प्याज गहरे लाल और भूरे रंग का भी होता है. ये किस्म रोपाई के 170 दिनों बाद बेचने और इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो जाता है. इसकी सबसे खास बात यह होती है कि इसका स्वाद तीखा नहीं होता. यह प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक पैदावार दे देती है.ऐसे में इस किस्म की खेती करके किसान बंपर उपज ले सकते हैं.
अभी के समय में किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर नकदी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. कमाई के लिहाज से किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती करते हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन प्याज की हाइब्रिड किस्म 'AFDR' के बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
अगर आप भी इन किस्म की खेती करना चाहते हैं तो 'AFDR' के 1 किलो का पैकेट फिलहाल 14 प्रतिशत के छूट के साथ 1200 रुपये में ऑनलाइन मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से प्याज की खेती कर सकते हैं. साथ ही इस बीच को खरीदने पर एक टी-शर्ट फ्री में मिलेगा. बता दें कि ये ऑफर मात्र 30 जून तक ही है. ऐसे में इस बीज को खरीद कर आप प्याज की खेती कर सकते हैं.
जून के आखिरी सप्ताह से किसान प्याज की 'AFDR' किस्म के बीज की बुवाई कर सकते हैं. इस प्रक्रिया में प्याज की बुवाई करते समय क्यारी को ऐसी जगह पर बनाएं जहां पूरे दिन धूप रहे और देखभाल करना आसान हो. साथ ही क्यारी की लंबाई तीन मीटर, चौड़ाई एक मीटर और ऊंचाई 15 से 20 सेमी होनी चाहिए. इस विधि से खेती करने में बुवाई से पहले क्यारियों में 20 से 25 किलो सड़ी हुई गोबर का खाद और 100 ग्राम प्रति क्यारी मिश्रित खाद का उपयोग करें. इसके बाद बीज की बुवाई करें.
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