रबी की फसलों की कटाई का समय अब आ गया है. रबी सीजन में सबसे बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती की जाती है. गेहूं की खपत को देखते हुए इसकी खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में गेहूं की फसल की बुआई से लेकर कटाई तक किसानों की दूसरे मजदूरों पर निर्भरता बढ़ जाती है. इस निर्भरता को कम करने और किसानों के खर्च को कम करने के लिए किसान उन्नत और नई तकनीकों से लैस कृषि यंत्रों का इस्तेमाल कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि किसान गेहूं की कटाई के लिए कौन से कृषि यंत्रों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ट्रैक्टर से चलने वाली गेहूं की कटाई और बांधने की मशीन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है. इस मशीन के कटर बार से पौधों को काटने के बाद उन्हें बंडलों में बांध दिया जाता है और ट्रांसमिशन सिस्टम से उन्हें एक तरफ गिरा दिया जाता है. इस मशीन से कटाई और बांधने का काम बहुत आसानी से हो जाता है. यही कारण है कि इस मशीन की लोकप्रियता किसानों के बीच तेजी से बढ़ रही है. रीपर-बाइंडर मशीन से गेहूं, चना, सरसों, मसूर जैसी फ़सलों की कटाई की जा सकती है.
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यह बड़े किसानों के लिए बहुत उपयोगी कृषि यंत्र है. इसमें गेहूं की कटाई के साथ-साथ उसकी थ्रेसिंग भी की जा सकती है. जिससे हमें साफ अनाज मिलता है. इस मशीन में आगे की तरफ 2 से 6 मीटर लंबे कटर बार लगे होते हैं. कटाई के बाद इसमें लगे कन्वेयर बेल्ट के जरिए यह रेसिंग यूनिट में पहुंचता है. यहां ड्रेसिंग ड्रम और कंक्रीट क्लीयरेंस से घर्षण के कारण फसल के दाने अलग हो जाते हैं.
ऑटोमेटिक वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन छोटे और मध्यम किसानों के लिए गेहूं की कटाई के लिए उपयोगी मशीन है. इसमें आगे की तरफ कटर बार लगा होता है और पीछे की तरफ ट्रांसमिशन सिस्टम लगा होता है. इस रीपर मशीन में 5 हॉर्स पावर का डीजल इंजन लगा होता है जो इसके पहियों और कटर बार को पावर देता है. गेहूं की कटाई के लिए किसान को इस मशीन के कटर बार को आगे रखकर और इसके हैंडल को पकड़कर मशीन को पीछे से चलाना होता है. कटर बार गेहूं के पौधों को काटता है और ट्रांसमिशन सिस्टम की मदद से पौधों को एक लाइन में बिछा दिया जाता है. इसके बाद, उन्हें मजदूरों द्वारा इकट्ठा किया जाता है.
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ट्रैक्टर से चलने वाली रीपर मशीन में कटर बार और ट्रांसमिशन सिस्टम ऑटोमेटिक वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की तरह ही होता है, लेकिन इस मशीन को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है. कटर बार को पावर ट्रांसमिशन ट्रैक्टर के PTO की मदद से चलाया जाता है. इसका कटर बार ऑटोमेटिक वर्टिकल कन्वेयर रीपर के कटर बार से लंबा होता है. इस मशीन में भी गेहूं के पौधों को कटर बार से काटा जाता है और ट्रांसमिशन सिस्टम द्वारा एक तरफ लाइन में बिछाया जाता है.
आपको बता दें कि इन मशीनों को ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है. इन मशीनों को ट्रैक्टर के पीछे जोड़कर इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में इस मशीन के इस्तेमाल की लागत बहुत कम है. आप 80 से 90 रुपये में कटाई का काम शुरू कर सकते हैं. इसमें सिर्फ डीजल का खर्च आता है. बाकी काम किसान खुद ही कर सकते हैं, बिना किसी मजदूर की मदद के.
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