घर की छत पर बिना मिट्टी के करें खेती, छोटे-छोटे बैगों में ऐसे उगाएं सब्जियां
बड़े-बड़े शहरों में मिट्टी की जरूरत को पूरा करने के लिए कोको पीट का इस्तेमाल किया जाता है. इस कोको पीट को नारियल फाइबर, कॉयर फाइबर या कॉयर के रूप में भी जाना जाता है. कोकोपीट नारियल के छिलकों को पीसकर बनाया जाता है. इस उर्वरक में पौधे की वृद्धि के लिए कुछ अन्य पोषक तत्व भी मिलाये जाते हैं. इसका इस्तेमाल फूल और सब्जियों को उगाने में किया जाता है.
खेती के लिए मिट्टी सबसे जरूरी है. फिर चाहे आप खेती खेतों में करें या घर के किसी कोने में. ऐसे में शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए मिट्टी का इंतेजाम करना एक बड़ी चुनौती है. अब अगर आप शहर में रहकर खेती करना चाहते हैं तो इस तरीके को अपनाकर आप अपनी छत पर भी छोटी-छोटी थैलियों में सब्जियां उगा सकते हैं.
बड़े-बड़े शहरों में मिट्टी की जरूरत को पूरा करने के लिए कोको पीट का इस्तेमाल किया जाता है. इस कोको पीट को नारियल फाइबर, कॉयर फाइबर या कॉयर के रूप में भी जाना जाता है. कोकोपीट नारियल के छिलकों को पीसकर बनाया जाता है. इस उर्वरक में पौधे की वृद्धि के लिए कुछ अन्य पोषक तत्व भी मिलाये जाते हैं. लोग इस पाउडर को ईंट, ईट आदि के रूप में बेचते हैं क्योंकि यह मिट्टी और पौधों के लिए बहुत प्रभावी है. यह पेड़-पौधों के लिए 100% प्राकृतिक माध्यम है.
पौधों में कोकोपीट के फायदे
किचन गार्डन में कोकोपीट उर्वरक का उपयोग करने के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं.
पौधे में कोको पीट डालने से मिट्टी में नमी बनी रहती है. इससे बीजों या पौधों में फंगल रोग नहीं लगते और बीज तेजी से बढ़ते हैं.
मिट्टी में कोको पीट मिलाने से खरपतवार अधिक बढ़ने से बचते हैं.
अधिक पानी सोखने की क्षमता के कारण पौधा मिट्टी में नम रहता है और उसकी वृद्धि भी अच्छी होती है.
कोको पीट डालने से पौधे की जड़ें भी मजबूत होती हैं.