केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण विभाग के सचिव मनोज आहूजा ने गुरुवार को देश में कोल्ड चेन इंडस्ट्री की जरूरतों और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने कहा कि देश में फूड सिक्योरिटी सुनिश्चित करने, खाद्य पदार्थों की बर्बादी राेकने और खराब होने वाले कृषि उत्पादों की लाइफ को बढ़ाने में कोल्ड चेन इंडस्ट्री का अहम रोल है. कृषि सचिव मनोज आहूजा ने एक दिवसीय कोल्ड चेन कॉन्क्लेव के उद्घाटन के दौरान ये बातें कहीं. असल में देश में कोल्ड चेन इंडस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ रही है. एक तरफ जहां ये उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है. तो वहीं दूसरी तरफ इसे किसानों को भी फायदा पहुंचाने वाली इंडस्ट्री के तौर पर देखा जा रहा है.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड चेन डेवलपमेंट के साथ मिलकर एक दिवसीय इंडिया कोल्ड चेन कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का आयोजन किया था. जिसमें कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.
कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि देश में कोल्ड चेन इंडस्ट्री के विकास के लिए नई टेक्नोलॉजी का आना जरूरी है. हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि देश में अब बेहतर रेफ्रिजरेशन और कूलिंग सिस्टम के आने से ये इंडस्ट्री अब बहुत कम तापमान पर सामानों को स्टोर और ट्रांसपोर्ट करने में सक्षम है. इससे जल्द खराब होने वाले प्रोडक्ट का जीवन भी बढ़ा है. कृषि सचिव ने कहा कि इससे भारत से खराब होने वाले सामानों के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि उत्पाद अब अच्छी गुणवत्ता में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच सकते हैं.
ये भी पढ़ें- यूपी में छुट्टा पशुओं की खेत-सड़कों से होगी छुट्टी! चलेगा एक महीने का विशेष अभियान
वहीं कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कृषि व किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने कहा कि आने वाले वर्षों में देश के अंदर कोल्ड चेन इंडस्ट्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि फलों, सब्जियों और मांस जैसे जल्द खराब होने वाले सामानों की बढ़ती मांग को ई-कॉमर्स और ऑनलाइन ग्राेसरी प्लेटफाॅर्म से तेजी मिल रही है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार फूड सिक्योरिटी और पब्लिक हेल्थ सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड चेन इंडस्ट्री के विकास का समर्थन करती है.
कॉन्क्लेव में कई तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए. जिसमें कोल्ड चेन इंडस्ट्री में रेफ्रिजरेशन तकनीक और कोल्ड-चेन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे विषयों पर चर्चा की गई. इस कॉन्क्लेव में कृषि मंत्रालय, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कामर्स मंंत्रालय, एपीडा के पदाधिकारियों समेत विभिन्न सरकारी विभागों, कॉरपोरेट्स और एक्सपोटर्स ने हिस्सा लिया.
असल में कॉन्क्लेव का आयोजन कोल्ड चेन इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोगों को एक मंच पर लाना था, जिससे की वे इंडस्ट्री के विकास के लिए आपस में विमर्श कर सकें. कॉन्क्लेव में कोल्ड चेन इंडस्ट्री में हुए बदलाव और विशेषताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी.
देश में कोल्ड चेन इंडस्ट्री के विकास से किसानों को भी फायदा होगा. असल में देश में तेजी से बढ़ते शहरीकरण की वजह से फल, सब्जियों की मांग बढ़ी है. हालांकि उत्पादन के मामले में किसान भी पीछे नहीं है. लेकिन, फल और सब्जियों को एक निर्धारित समय तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है. ऐसे में मांग होने के बावजूद फल और सब्जियां उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाती है. कोल्ड चेन इंडस्ट्री के विकास से किसानों को अपनी उपज को रेफ्रिजरेट करने की सुविधा मिलेगी. इससे उनके कृषि उत्पादोंं को वैश्विक बाजार तक पहुंचाया जा सकेगा. नतीजतन किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम मिलेंगे.
ये भी पढ़ें -
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today