यूपी में छुट्टा पशुओं की खेत-सड़कों से होगी छुट्टी! चलेगा एक महीने का व‍िशेष अभ‍ियान

यूपी में छुट्टा पशुओं की खेत-सड़कों से होगी छुट्टी! चलेगा एक महीने का व‍िशेष अभ‍ियान

उत्तर प्रदेश में सरकार ने एक महीने के भीतर छुट्टा जानवरों की समस्या से निपटने की कार्ययोजना बनाई है. निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए बनाई गई इस योजना को 20 जनवरी से प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा. प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यह जानकारी दी

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यूपी में छुट्टा पशुओं की खेत-सड़कों से होगी छुट्टी! चलेगा एक महीने का व‍िशेष अभ‍ियान छुट्टा पशुओं की समस्या

उत्तर प्रदेश में सरकार ने एक महीने के भीतर छुट्टा जानवरों की समस्या से निपटने की कार्ययोजना बनाई है. निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए बनाई गई इस योजना को 20 जनवरी से प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा. प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यह जानकारी दी. सिंह ने कहा पशुधन विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश संरक्षण के लिए 20 जनवरी से 20 फरवरी तक युद्धस्तर पर अभियान चला कर गोवंश को आश्रय स्थलों में संरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस काम में सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी भी सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए प्रदेश को पूर्वी जोन तथा पश्चिमी जोन में विभाजित किया जाएगा. प्रत्येक जोन में 9 मंडल होंगे. 

बनेगा कंट्रोल रूम, नपेंगे लापरवाह अफसर 

सिंह ने कहा कि इस अभियान के लिए निदेशालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम बना कर, संरक्षित किए जा रहे गोवंश की जनपदवार समीक्षा की जाएगी। इस दौरान छुट्टा पशुओं की सूचना स्थानीय लोग फोन के जरिए दे सकेंगे. इसके लिए टोल फ्री नंबर 18001805141 एवं 0522-2741992 निरन्तर क्रियाशील रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए सभी अधिकारी अनुशासन में रहकर कार्य करें और मुहिम के निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करें, अन्यथा उनके विरूद्ध सख्त कारवाई की जाएगी. सिंह ने निराश्रित गोवंश के संरक्षण के कार्यों की समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से फील्ड में निरीक्षण करें. 

गो-आश्रय स्थ्लाें पर हों सभी जरूरी इंतजाम

उन्होंने निर्देश दिया कि गो संरक्षण के काम से जुड़े जरूरी इंतजाम सुनिश्चित किए जायें. जिन स्थानों पर गौ आश्रय स्थल नहीं हैं, वहां जिलाधिकारियों के सहयोग से अस्थाई गौ आश्रय स्थल बनाए जायें. जिससे कोई भी गोवंश निराश्रित या बेसहारा न रह पाए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोवंश के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन सरकार की प्राथमिकताओं में है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गो आश्रय स्थल पर चारा, भूसा, प्रकाश, ठण्ड से बचाव, चिकित्सा सुरक्षा एवं दवाओं आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. 

छुट्टा पशु छोड़ने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई

सिंह ने किसानों से भी अपील की है कि वे अपने पशुओं को छुट्टा न छोड़े और उनके प्रति संवेदनशील रहें. उन्होंने कहा कि पशुओं को छोड़ देने पर उनके विरुद्ध ’पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने हेतु गौशालाओं के प्रबंधन और चारागाह की जमीन कैटल फार्म एवं ब्रीडिंग फार्म की भी जनपदवार समीक्षा की. उन्होंने कहा कि दूध, अण्डा एवं मांस इत्यादि उत्पाद आय के महत्वपूर्ण स्रोत है. प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ बनाने के लक्ष्य में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए कैटल फार्म बनाने की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए पीपीपी मोड पर कैटल एवं ब्रीडिंग फार्म विकसित करें. बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुधन विभाग के निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा पी के सिंह तथा निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा इन्द्रमणि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

 

 

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