आज के दौर में हर क्षेत्र में पारंपरिक तरीकों को छोड़ आधुनिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसके कारण देश की तरक्की को पर लग गए हैं. कृषि क्षेत्र में भी आधुनिक यंत्रों और उपकरणों को खूब बढ़ावा मिल रहा है. जिसके कारण इस क्षेत्र में खूब तरक्की भी देखी जा रही है. लेकिन, कृषि क्षेत्र में आज भी पुरानी पद्धति को अपनाने वाले किसानों की संख्या बहुत अधिक है. इसका कारण है तकनीकी ज्ञान की कमी है. इसी के तहत भारतीय कृषि शिक्षा परिषद की अतिरिक्त महानिदेशक (एचआरडी) सीमा जग्गी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार कौशल विकास पर जोर देकर कृषि शिक्षा पाठ्ययक्रम को नया रूप दिया जाएगा. इसके लिए पाठ्यक्रम को फिर से गठित किया जाएगा. जिसमें कृषि क्षेत्र में कई अवसर मिलेंगे.
सीमा जग्गी ने आईसीएआर-सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमएफआरआई) में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए एक 21-दिवसीय विंटर स्कूल का उद्घाटन किया. विंटर स्कूल का उद्देश्य सामाजिक विज्ञान शोधकर्ताओं के कौशल और विश्लेषण क्षमता को बढ़ाने के लिए खोला जाएगा इसमें शोधकर्ताओं को नई तकनीक और सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी दी जाएगी.
ये भी पढ़ें मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब सहकारिता से संवरेगा कृषि सेक्टर, बढ़ेगी किसानों की कमाई
सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में विश्लेषणात्मक उपकरणों के महत्व पर जोर देते हुए सीमा जग्गी ने कहा कि कि सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में उचित निष्कर्ष निकालने के लिए आधुनिक सांख्यिकी, अर्थमिति और समय श्रृंखला विधियों की ठोस समझ होना आवश्यक है. इस स्कूल में राजस्थान, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल से 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं.
सीमा जग्गी ने कहा कि नया पाठ्यक्रम गठित होने के बाद कृषि क्षेत्र में कई बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान के लिए भविष्य में अधिक अवसर होंगे. ग्रामीण विकास को बहुत मदद मिलेगी. CMFRI Director ए गोपालकृष्णन ने कहा कि अनुसंधान कार्यक्रमों में पूरी तरह से आधुनिक तौर तरीकों को सिखाया जाएगा. यह वैज्ञानिक रूप से एकत्रित डेटा से निष्कर्ष निकालने के लिए सटीक उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा इस प्रकार वैज्ञानिक अनुसंधान की क्षमता में सुधार करेगा.
ये भी पढ़ें ये एग्रीकल्चर ड्रोन एक बार में ही 30-40 एकड़ में कर देगा कीटनाशक छिड़काव
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today