ये कहानी बिहार के एक युवा की है. इस युवा का नाम है दीपक कुमार. दीपक कुमार खेती-बाड़ी में ऐसा नाम हैं जिन्होंने पढ़ाई में बड़ी डिग्री लेने के बाद मशरूम की खेती की. उनकी खेती सफल रही है और आज इससे बेहद अच्छी कमाई हो रही है. किसान दीपक कुमार बताते हैं कि टिशू कल्चर में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी करने के बाद उन्होंने नौकरी जॉइन की. अच्छी सैलरी के बाद भी उन्हें कुछ अपना व्यवसाय करने का जुनून सवार था. फिर उन्होंने बिहार सरकार की मदद से खेती में ट्रेनिंग ली. इसके बाद बटन मशरूम की खेती करने की ठान ली. और यह सिलसिला चल पड़ा.
पटना जिले के कोईलवर के पास छोटे से गांव जमालपुर के रहने वाले रहने वाले दीपक कुमार आज कई किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं. वे बताते हैं कि मशरूम की खेती पर कुदरत की मार का कोई खास असर नहीं पड़ता. यही वजह है कि सूबे के बहुत युवा ऑयस्टर, बटन मशरूम की खेती कर रहे हैं. कई युवा किसान आज बटन मशरूम उगाने के साथ मशरूम बीज से बेहतर कमाई कर रहे हैं. इसमें दीपक कुमार बड़ी भूमिका निभा रहे हैं जो मशरूम की खेती में 150 लोगों को रोजगार दे रहे हैं.
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अपनी खेती के बारे में दीपक कुमार बताते हैं, बिहटा से सटे तिसखोरा गांव में बटन मशरूम उगाने के लिए दो ग्रोथ रूम बनाया है. इससे हर रोज का 100 किलो तक मशरूम निकल जाता है. दीपक कहते हैं कि आज के समय में आप खेती में कुछ अलग कर करके ही आगे बढ़ सकते हैं. मशरूम की खेती इसमें भरपूर संभावनाएं देती है. मशरूम उगाने के साथ किसान इसका बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं. हालांकि यह काम इतना आसान भी नहीं है क्योंकि इसमें तैयारी के साथ टेक्नोलॉजी की भी जरूरत होती है.
बटन मशरूम उगाके लिए दीपक कुमार ने ईंट का ग्रोथ रूम नहीं बनाया है. बल्कि इसकी जगह 60 एमएम के पफ पैनल की मदद से उन्होंने 18 बाई 40 के दो ग्रोथ रूम बनवाए हैं. उनका कहना है कि पफ पैनल के इस्तेमाल का फायदा यह है कि आप इसे आसानी से दूसरी जगह ले जा सकते हैं. प्रत्येक ग्रोथ रूम में 1500 बैग रखे जाते हैं, जिसमें बटन मशरूम उगाए जाते हैं. दीपक कुमार के मुताबिक, जितना ईंट का कमरा बनाने में खर्च आता है, उतना ही खर्च पफ ग्रोथ रूम बनाने में आता है. एक 18 बाई 40 के ग्रोथ रूम को बनाने में करीब 12 लाख रुपये का खर्च आता है.
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दीपक कुमार ने करीब 8 कठ्ठा जमीन में अपना मशरूम फार्म खोला है. यहां वे बटन मशरूम, कंपोस्ट और स्पॉन तैयार कर हैं. उनके मशरूम फार्म से रोजाना करीब 100 किलो मशरूम निकलता है. एक किलो मशरूम तैयार करने में करीब 80 से 100 रुपये का खर्च आता है और यह बाजार में 140 से 180 रुपये किलो बिक जाता है. दूसरे किसानों को मशरूम की खेती पर सुझाव देते हुए दीपक कुमार कहते हैं, किसानों को ट्रेनिंग लेकर बटन मशरूम उगाने के साथ स्पॉन (बीज) लगाने का भी काम करना चाहिए. इससे वे अच्छी कमाई कर सकते हैं. इस काम में सरकार किसानों की सहायता करती है.
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