पश्चिमी विक्षोभ की वजह से देश के कई राज्यों में मौसम ने करवट ली है. इसकी वजह से इन दिनों कई राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई है. अप्रैल और मई महीने के शुरुआती दिनों में हो रही बेमौसम बारिश से जहां लोगों को चिलचिलाती धूप से राहत मिली है. वहीं आम के किसानों के लिए यह बारिश आफत बनकर बरस रही है. इस बारिश की वजह से तैयार हो रहे आम के फलों को नुकसान हो सकता है. इसको लेकर किसान काफी चिंतित हैं. पिछले दिनों ऐसी ही बेमौसम बारिश उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद में हुई जहां तेज हवा और ओले गिरने से आम की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है.
इससे इस साल आम का उत्पादन घटने की आशंका जताई जाने लगी है. वहीं अगर आगे भी मौसम खराब रहा तो नुकसान अधिक बढ़ सकता है. नुकसान के बढ़ने से इस सीजन आम के भाव में भी बढ़ोतरी हो सकती है, वहीं यह आम के शौकीन लोगों के लिए चिंता का विषय है.
आम उत्पादकों का कहना है कि ओलावृष्टि और तेज बारिश के कारण बागेश्वर में आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है. बागेश्वर के बमराड़ी, ड्यांगण, तिलसारी, पंथकवेराली, मनकोट आदि क्षेत्र आम की अच्छी पैदावार के लिए प्रसिद्ध हैं. ऐसे में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से आम के बौर का नुकसान हुआ है. जिससे इस वर्ष आम की फसल आधे से भी ज्यादा प्रभावित हुई है.
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आम भारत का एक महत्वपूर्ण फल है. इसे 'फलों का राजा' कहा जाता है. साथ ही भारत प्रमुख आम उत्पादक देश है. विश्व के कुल आम उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 42 फीसदी है. पिछले कुछ दिनों से हो रही बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने देश के कई राज्यों में गेहूं, सरसों और सब्जी बागवानी फसलों को काफी प्रभावित किया है, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
बागेश्वर जनपद में सबसे ज्यादा गरुड़ और दुकनाकुरी में ओलावृष्टि हुई है, जिससे फलों और सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है. गरुड़ तहसील के देवनाई में साग सब्जी के साथ आम और आड़ू के फलों और फूलों का भारी नुकसान हुआ है. काश्तकारों का कहना है कि इस बार आम के फल लगने के समय जबरदस्त ओलावृष्टि होने से आम के बौर गिर गए हैं जिससे इस वर्ष आम के उत्पादन में कमी आने की आशंका है.
(रिपोर्टर जगदीश पांडेय)
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