यूपी में 29 अप्रैल से मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया था. पिछले 48 घंटों में इसका असर राज्य के दोनों जोन(पूर्वी और पश्चिमी) में दिखने लगा है. मौसम विभाग की ओर से लगातार विभिन्न जिलों के लिए आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के अलर्ट जारी किए जा रहे हैं. इस बीच 30 से 70 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के कारण यूपी की फल पट्टी में बागवानी किसानों को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा है. इनमें सबसे ज्यादा नुकसान आम की फसल को हुआ है. साथ ही खट्टे वर्गीय फलों में नींबू, संतरा, मौसमी और किन्नू की फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान होने की सूचनाएं मिल रही हैं. यूपी में मौसम विभाग ने अगले 2-3 दिनों तक हालात में सुधार नहीं होने के पूर्वानुमान को देखते हुए इस समय मौसम की मार से जिन फसलों को खतरा उत्पन्न हाे गया है, उनके किसानों के लिए विस्तृत परामर्श भी जारी किया है.
पिछले 2 दिनों में प्रदेश के ज्यादातर जिलों में मौसम ने अचानक करवट ली है. आंधी, बारिश और ओलावृष्टि का यह दौर सोमवार को ज्यादा प्रभावी हो गया. आलम यह रहा कि सोमवार को रात 1 बजे से सायं 7 बजे तक 18 घंटे के दौरान मौसम विभाग ने विभिन्न जिलों के लिए 12 अलर्ट जारी किए. इनमें तूफानी हवाओं के साथ ओलावृष्टि और तेज बारिश की आशंका वाले 4 रेड अलर्ट और 8 ऑरेंज अलर्ट भी शामिल हैं. कुल मिलाकर मौसम खराब होने के अलर्ट के दायरे में यूपी के लगभग सभी इलाके शामिल हो गए.
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मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक यूपी के दोनों जोन में आगामी 5 मई तक पश्चिमी विक्षोभ का असर रहने के कारण प्रदेश के तमाम इलाकों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की आशंका बनी रहेगी. इस दौरान 3 मई से मौसम की इन गतिविधियों में आंशिक सुधार आना शुरु होने की उम्मीद जताई गई है.
मौसम विभाग द्वारा अगले दो दिनों के बारे में जारी पूर्वानुमान में मंगलवार को सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और पीलीभीत जिलों एवं इनके आसपास के इलाकों में ओलावृष्टि होने की आशंका का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा 2 और 3 मई के दरम्यान पूर्वी जोन में कौशांबी, प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर और लखनऊ सहित दर्जन भर जिलों के अलावा पश्चिमी जोन में नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, कानपुर नगर एवं देहात और मेरठ सहित दो दर्जन जिलों में गरज बरस के साथ 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की आशंका जताई है.
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मौसम विभाग ने आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की आशंका को देखते हुए कृषि प्रभाव आधारित पूर्वानुमान भी जारी किया है. इसमें जायद की फसल में मक्का के अलावा अन्य फसलों में गेहूं की पछेती फसल और हाल ही में किसानों द्वारा बोई गई मूंग एवं उड़द की फसलों के लिए किसानों को कुछ एहतियात बरतने काे कहा है. गौरतलब है कि पूर्वी जोन में रबी सीजन के गेहूं की लगभग शत प्रतिशत कटाई हो चुकी है. पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड के कुछ इलाकों में गेहूं की पछेती फसल अभी कटाई के दौर से गुजर रही है. मौसम खराब होने से इसे उपजे खतरे के मद्देनजर विभाग ने किसानों से कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर पॉलीथिन से ढकने का परामर्श दिया है. जिससे मौसम साफ होने पर कटी फसल की मढ़ाई की जा सके.
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इसी प्रकार मूंग और उड़द की फसल अभी फूलने के लिए शाखाओं में बंटने की अवस्था में है, जबकि जायद मक्का में जीरे के आकार के दाने निकलना शुरू हो गए हैं. मौसम के बिगड़े मिजाज से इन फसलों को नुकसान की आशंका के मद्देनजर विभाग ने किसानों को खेत से पानी बाहर निकालने और 15 से 20 प्रतिशत फसल खराब होने पर यूरिया डालने की सलाह दी है. साथ कीट प्रबंधन की तैयारी कर आसमान साफ होने पर दवा का छिड़काव करने को कहा गया है.
बागवानी फसलों को होने वाले संभावित नुकसान के बारे में मौसम विभाग ने परामर्श में कहा है कि आम, अमरूद और बेर सहित अन्य खट्टे फलों की उपज, इन दिनों फल लगने की अवस्था में हैं. ऐसे में तेज हवा और ओलावृष्टि से कच्चे फल टूटने का खतरा आसन्न है. साथ ही फल की गुणवत्ता पर भी इससे असर पड़ सकता है. इसके मद्देनजर किसानों को पलवार करने का परामर्श दिया गया है.
इसके अलावा सब्जियों में इन दिनों में फूलगोभी, प्याज, लहसुन, टमाटर, मिर्च, बैंगन, कद्दू, लौकी और शिमला मिर्च की फसल मौसम खराब होने से प्रभावित हाे रही है. ओलावृष्टि के कारण इन फसलों के तना टूटने के खतरे को देखते हुए विभाग ने किसानों को मौसम साफ होने तक इनकी सिंचाई रोक देने के लिए कहा है.
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