उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में धान खरीद केंद्र में फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां गोदाम के स्टॉक की जांच में बीस हजार क्विंटल धान की घपलेबाजी की घटना सामने आई है. इस मामले की जांच के बाद धान खरीद एजेंसी UPSS के जिला प्रबंधक और छह खरीद केंद्र प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. कुल मिलाकर इस घटना में सात लोगों को निलंबित किया गया है. यह कार्रवाई जिलाधिकारी और लखनऊ से आई खाद्य-रसद विभाग की टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है.
यह मामला कुछ दिनों पहले सामने आया जिसके बाद जांच शुरू की गई. ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि देवरिया के धान खरीद केंद्र में गड़बड़ देखी जा रही है. उसके बाद मामले की जांच का आदेश दिया गया. देवरिया के जिलाधिकारी ने इस मामले को संज्ञान में लिया और कार्रवाई शुरू की गई. इस घटना में पहले ही चार खरीद केंद्र प्रभारियों पर पुलिस केस दर्ज किया जा चुका है. इस बारे में जिलाधिकारी ने बताया कि किसानों से अभी तक नौ लाख क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है.
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पिछले सप्ताह ऑनलाइन वेरिफिकेशन में एक खरीद केंद्र में धान के स्टॉक में अनियमितता पाई गई. इसके आधार पर 54 खरीद केंद्र पर एक साथ जांच की गई. इस जांच में लगभग 16 हजार क्विंटल धान गायब मिला. घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चार खरीद केंद्र प्रभारियों पर केस दर्ज किया गया. इस कार्रवाई के बाद उत्तर प्रदेश खाद्य और रसद विभाग के सचिव ने मामले को गंभीरता से लिया और एक जांच टीम को देवरिया भेजा. इस टीम ने जिले के अलग-अलग खरीद केंद्रों के स्टॉक का वेरिफिकेशन किया तो भारी गड़बड़ सामने आई.
जांच के दौरान छह खरीद केंद्रों के स्टॉक वेरिफिकेशन में कुल बीस हजार क्विंटल धान गायब मिला. इसके बाद निलंबन के लिए शासन के पास सिफारिश भेजी गई. फिर कार्रवाई शुरू हुई और बेलवा, बंजरिया, रुस्तमपुर, परसिया छितनी, स्वीकृतपुरा और नारायणपुर औराई के छह क्रय केंद्र प्रभारी निलंबित हुए. इसके अलावा भाटपाररानी और लार क्रय केंद्र प्रभारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. साथ ही UPSS यूपी उपभोक्ता सहकारी संघ के जिला प्रबंधक राम किंकर शुक्ला को भी निलंबित किया गया है.
जिले के डीएम जेपी सिंह ने बताया कि देवरिया में बीते हफ्ते धान खरीद का वेरिफिकेशन कराया गया था. शासन का निर्देश है कि पूरी पारदर्शिता के साथ किसानों से धान खरीदा जाए और बिचौलिए को किसी भी हालत में छूट न दी जाए. इस क्रम में जिले में अभी तक नौ लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदा जा चुका है और 15 हजार से अधिक किसानों को लाभ दिया जा चुका है. इसमें से लगभग 20 हजार क्विंटल धान ऐसा पाया गया जो केंद्र प्रभारियों ने रिपोर्ट की, लेकिन वेरिफिकेशन किया गया तो उनके पास गोदाम में नहीं मिला.
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डीएम ने कहा, इस मामले को गंभीरता से लिया गया है. अभी तक 10 खरीद केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई हुई है जिसमें चार एफआईआर दर्ज की गई है. यह मुकदमा रुद्रपुर, भलवानी, खामपार और रामपुर कारखाना में दर्ज हुआ है. इसी कड़ी में छह केंद्र प्रभारियों को निलंबित किया गया है और अन्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है. अब किसी भी केंद्र में अभी तक किसान की शिकायत लंबित नहीं है और धान खरीद सुचारू रूप से चल रही है.(रिपोर्ट/रामप्रताप)
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