बजट 2023-24 (budget 2023-24) अगले महीने जारी होने वाला है. उससे पहले हर क्षेत्र की कंपनियां सरकार से अपनी मांग रख रही हैं. इसी में कृषि और फूड सेक्टर से जुड़ी एजटेक कंपनियां भी शामिल हैं. कृषि क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की मांग है कि सरकार इस बजट में उनके लिए पूंजी बढ़ाए. साथ ही रिसर्च-डेवलपमेंट के लिए भी सहायता बढ़ाई जाए ताकि इस क्षेत्र की प्राइवेट कंपनियां आगे बढ़ सकें. एजटेक कंपनियों की मांग है कि सरकार अधिक से अधिक पूंजी देगी और रिसर्च में सहयोग करेगी तो कृषि क्षेत्र की कंपनियां आगे बढ़ेंगी.
'वेकूल फूड्स' के कोफाउंडर और एमडी कार्तिक जयरमन 'बिजनेसलाइन' से कहते हैं, सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि फूड और एग्री सेक्टर की कंपनियों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर पूंजी बढ़ाए. फूड और एग्री कंपनियां राष्ट्रीय महत्व की कंपनियां हैं, इसलिए इन पर अधिक ध्यान होना चाहिए. इन कंपनियों पर लगने वाले एलटीसीजी टैक्स (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स) पर सरकार (budget 2023) को ध्यान देना चाहिए.
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जयरमन कहते हैं कि सरकार ने कृषि को प्राथमिकता वाला क्षेत्र घोषित किया है और इसके लिए सस्ते कर्ज का नियम भी बनाया है. लेकिन देश में खेती इतनी तितर-बितर है कि बैंकों के लिए लोन देने का काम बहुत भारी साबित होता है. ऐसे समय में केवल खेती को ही नहीं बल्कि फूड सेक्टर को भी प्राथमिकता में लाना चाहिए. इसका अर्थ हुआ कि कोई भी फूड सेक्टर की कंपनी जो प्रोडक्शन, ट्रेडिंग, प्रोसेसिंग, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट और रिटेल में लगी हो, उसे प्रायरिटी में लेते हुए उसे पूंजी (capital flow) देने का नियम बनाना चाहिए.
जयरमन मांग करते हैं कि सरकार को फूड सेक्टर की सप्लाई चेन का महत्व समझते हुए सस्ते रेट पर पूंजी (credit loan) मुहैया करानी चाहिए. सरकार इस सेक्टर में नई-नई टेक्नोलॉजी लाकर भी कंपनियों की मदद कर सकती है. फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए सरकार ने पीएलआई स्कीम चलाई है, लेकिन कंपनियों को आसानी से और सुरक्षित लोन मिले तो उनका काम और सही तरीके से आगे बढ़ेगा.
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'एग्रीबाजार' के कोफाउंडर और सीईओ अमिताभ अग्रवाल ने बजट (budget 2023-24) से पहले अपनी मांग रखते हुए कहा, बजट (budget 2023) में सरकार को कृषि क्षेत्र की कंपनियों के लिए टैक्स में कुछ राहत देनी चाहिए. इसके अलावा सरकार को वित्तीय सहायता जैसे कि सब्सिडी रेट पर लोन, ब्याज दर में छूट आदि. इससे एजेटक कंपनियों को बढ़ने का मौका मिलेगा. इससे देश में कृषि क्षेत्र का अच्छा माहौल तैयार होगा. अग्रवाल मांग करते हैं कि सरकार को एजटेक सेक्टर के लिए अलग से नीतियां बनानी चाहिए ताकि कृषि क्षेत्र में आंत्रप्रेन्योरशिप यानी कि उद्यम को बढ़ावा मिल सके. सुविधाएं बढ़ाकर इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन के बीच के अंतर को पाटना चाहिए.
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