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MSP पर क‍िसानों से सरसों, चना एवं मसूर की खरीदी के लिए यूपी में खुलेंगे क्रय केन्द्र

MSP पर क‍िसानों से सरसों, चना एवं मसूर की खरीदी के लिए यूपी में खुलेंगे क्रय केन्द्र

यूपी में योगी सरकार ने सरसों, चना और मसूर की उपज को किसानों से एमएसपी पर खरीदने के लिए प्रदेश में क्रय केंद्र खोलना प्रारंभ कर दिया है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाकर प्रदेश के किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में किए जा रहे उपायों के तहत इस तरह की और भी कवायद की जा रही हैं.

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यूपी में कृष‍ि से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देते कृष‍ि मंत्री सूर्यप्रताप शाही यूपी में कृष‍ि से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देते कृष‍ि मंत्री सूर्यप्रताप शाही

शाही ने जायद और खरीफ फसलों तथा मोटे अनाज के लिए सरकार द्वारा बनाई गई रणनीति एवं तैयारियों के बारे में बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के दायरे में आने वाले सभी पात्र किसानों को उनका हक दिलाने के लिए आगामी मई माह में एक अभियान भी चलाएगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में कारगर तरीके से लाभप्रद खेती कर रहे किसानों का अनुभव अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए भी सरकार ने एक अनूठी पहल की है.

एक अप्रैल से स्थापित होंगे क्रय केंद्र

शाही ने बताया कि किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए आगामी 1 अप्रैल से रबी सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर राई, सरसों, चना एवं मसूर के क्रय केंद्र स्थापित किये जाएंगे. इनके माध्यम से 3.94 लाख मीट्रि‍क टन सरसों , 2.12 लाख मीट्रिक टन चना एवं 1.49 लाख मीट्रिक टन मसूर की खरीद करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार एमएसपी पर राई, सरसों की खरीद 5450 रुपये प्रति कुंतल की दर से करेगी. इसके अलावा चना 5335 रुपये प्रति कुंतल एवं मसूर 6000 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीद की जाएगी.

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शाही ने कहा कि जायद सीजन में ज्वार, बाजरा एवं मक्का के आच्छादन हेतु संकर बीजों पर कुल 15000 रुपये प्रति कुंतल का अनुदान एवं अधिकतम 50 प्रतिशत की धनराशि किसानों काे देने का फैसला किया गया है.

किसान सम्मान निध‍ि के लिए चलेगा अभ‍ियान

शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना यूपी में 1 दिसंबर 2018 से प्रारम्भ हुई थी. प्रदेश में अभी तक इस योजना के तहत 26 करोड़ से अधिक लभार्थी किसानों के बैंक खाते में 52000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि हस्तांतरित की जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना के दायरे में आने वाले सभी पात्र किसानों को इसका लाभ सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार पूरे प्रदेश में 'संतृप्तीकरण महाअभियान चलाएगी.

उन्होंने कहा कि यह अभ‍ियान आगामी 10 मई से 31 मई चलेगा. इसके तहत इस अवध‍ि में हर सप्ताह सोमवार से शुक्रवार के बीच एक तारीख तय कर के सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक पात्र किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जायेगा. इसमें लेखपाल, किसानों के भू-लेख का सत्यापन करेंगे तथा तहसील लाॅग इन पर अपलोड करेंगे. इस महाअभियान में कृषि विभाग के श्रेणी 2 व श्रेणी 1 के अधिकारी गांव गांव जाकर सुनिश्चित करेंगे कि संतृप्तीकरण की प्रक्रिया ठीक से पूरी की जा रही है या नहीं. 

इस साल बनेंगे 5550 खेत तालाब

शाही ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही 'खेत तालाब योजना' के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में किसानों के खेत पर 5104 तालाब बनाए गए हैं, जबकि 458 खेत तालाब अभी निर्माणाधीन हैं. उन्होंने बताया कि कृष‍ि विभाग ने आगामी वित्त वर्ष में अप्रैल से जून 2023 तक प्रदेश में 5550 खेत तालाब बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है.

शाही ने कहा कि इसके लिए  लाभार्थियों के चयन हेतु विभाग के पोर्टल पर गत 20 फरवरी से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इच्छुक किसान खेत पर तालाब बनवाने के लिए पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पीएम कुसुम योजना के तहत कुल 15000 सोलर सिंचाई पंप वर्तमान में किसानों को देने का लक्ष्य निर्धारित है.

इसके सापेक्ष 14,238 किसानों ने अपना कृषक अंश जमा कर दिया है. जबकि 12,979 पंपों की आपूर्ति कर दी गयी है. अभी तक 11,885 पंप किसानों के खेत पर लग गए हैं. वहीं, 11,265 पंपों का सत्यापन भी पूर्ण हो चुका है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में 30,000 सोलर सिंचाई पंप लगाये जायेंगे. इनमें से 12,250 पंप की बुकिंग पूर्ण हो चुकी है तथा 11,337 किसानों से कृषक अंश भी प्राप्त हो चुका है.

उत्कृष्ट किसान बनेंगे दूसरों के लिए नजीर

शाही ने कहा कि प्रदेश में कृषि उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाकर किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए यूपी में प्रत्येक विकास खण्ड में सर्वाधिक उपजाई जाने वाली 4 प्रमुख फसलों का चयन किया जाएगा. वर्ष 2019-20 से 03 वर्ष की औसत उत्पादकता के आंकलन की मदद से इन फसलों की सर्वाधिक उपज करने वाले 05 किसानों का चयन प्रत्येक विकासखण्ड से किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इस आधार पर जिला और प्रदेश स्तर सर्वाधिक उपज करने किसानों को भी चिन्हित किया जायेगा. इन किसानों के अनुभवाें को अन्य किसानों के सामने नजीर के तौर पर पेश किया जाएगा. इन किसानों की कृषि गोष्ठियों में भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी. जिससे दूसरे किसानों को यह बताया जा सके कि उनके द्वारा कौन सी तकनीक, बीज प्रबंधन, फसल प्रबंधन और किस विधा से खेती की उच्च उत्पादकता प्राप्त की जा रही है.

मिलेट्स और प्राकृतिक खेती पर होगा ये काम

शाही ने कहा कि प्रदेश में मिलेट्स यानि श्रीअन्न के रूप में ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा, रागी मडुवा आदि की खेती, प्रसंस्करण एवं उपभोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने "यूपी मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत 186.26 करोड़ रुपये की योजना 05 वर्षों हेतु स्वीकृत की है. इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2023-24 में कुल 55.60 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय करने का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने बताया कि खेत की मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन बढ़ा कर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए प्रदेश के किसानों को 30 हजार कुंतल ढैंचा का बीज, सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जायेगा. इसके साथ ही जिप्सम वितरण योजना के तहत 2022-23 में 15858.92 मीट्रिक टन जिप्सम की आपूर्ति की की गयी. इसमें से 75 प्रतिशत अनुदान पर 12810 मीट्रिक टन जिप्सम किसानों को दिया गया.

बीज उत्पादन से बढ़ेगी किसानों की आय

शाही ने कहा कि प्रदेश में संकर बीजों के उपयोग से उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि किये जाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अंतर्गत 20 मार्च से विकासखण्ड स्तर पर स्थापित 825 राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर विभिन्न बीज कंपनियों द्वारा स्टॉल लगाकर कर बीजों का विक्रय एवं वितरण किया जाएगा. इसके तहत अनुदान की धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी.

उन्होंने बताया कि इसमें जायद सीजन में संकर मक्का, संकर ज्वार एवं संकर बाजरा पर 10000 रुपये प्रति कुंतल केन्द्रीय योजना से तथा 5000 रुपये प्रति कुंतल राज्य योजना से किसानों को अधिकतम 50 प्रतिशत सीमा तक अनुदान मिलेगा. इस मद में कुल 20 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है.

शाही ने कहा कि कृषि की लागत कम करने हेतु यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए विकासखण्ड स्तर पर स्थापित राजकीय कृषि बीज भण्डार पर स्टाल लगाकर किसानों को 10,000 रुपये तक के कृषि यंत्र का वितरण किया जाएगा. किसानों को यंत्रों खरीदने पर मिलने वाला अनुदान डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में हस्तांतरित किया जायेगा.

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