पंजाब के फाजिल्का जिले में किसानों ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर सड़क किनारे भारी मात्रा में किन्नू फेंक दिया. पीड़ित उत्पादकों ने पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन पर आरोप लगाया है कि वह छोटे किसानों से किन्नू नहीं खरीद रहा है. इससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है. ऐसे में नाराज किसानों ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर किन्नू फेक कर प्रदर्शन किया. दरअसल, पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन (PAIC) राज्य सरकार की कृषि-प्रसंस्करण शाखा है. यह किसानों से उनका उत्पाद खरीदता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में दिसंबर महीने से किन्नू की कटाई का मौसम शुरू होता है. तब से किसान फल की उचित कीमत नहीं मिलने से असंतुष्ट हैं. किसानों का कहना है कि पीएआईसी ने अभी तक मध्यम और छोटे किसानों से कोई थोक खरीद नहीं की है. खास बात यह है कि फाजिल्का जिले के अबोहर उपमंडल में किसान सबसे अधिक किन्नू की खेती करते हैं. यहां पर करीब 32,000 हेक्टेयर में किन्नू का रकबा फैला हुआ है. इस साल पीएआईसी ने लगभग 9,000 मीट्रिक टन किन्नू खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसमें से उसने 4,200 मीट्रिक टन से अधिक फल खरीद लिया है.
इस साल, राज्य के किन्नू किसानों को बंपर फसल के बावजूद पिछले साल की तुलना में काफी कम कीमत मिली है. हालांकि, किन्नू की थोक कीमत 6-8 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 10-11 रुपये तक पहुंच गया है. जबकि पीएआईसी इसे 10 से 12.80 रुपये में खरीदता है. सरकारी एजेंसी गुणवत्तापूर्ण फसल की तलाश करने का दावा करती है. लेकिन उत्पादकों का कहना है कि एक पौधे में अलग- अलग क्वालिटी के किन्नू उगते हैं. ऐसे में केवल बेहतरीन क्वालिटी के किन्नू की खरीद करना पीएआईसी का तर्क सही नहीं है.
वहीं, किसान यूनियन बीकेयू राजेवाल के फाजिल्का जिला अध्यक्ष सुखमंदर सिंह ने कहा कि पीएआईसी मुख्य रूप से बड़े और प्रभावशाली उत्पादकों से खरीदारी करता है. अब तक उसने केवल 4,230 मीट्रिक टन ही किन्नू खरीदा है. इसमें से केवल 5-6 उत्पादकों की हिस्सेदारी 2,080 मीट्रिक टन है. अबोहर पंजाब की 85 प्रतिशत से अधिक किन्नू फसल का उत्पादन करता है, फिर भी पीएआईसी इस क्षेत्र के छोटे किसानों से खरीद नहीं कर रहा है. इससे उन्हें सही कीमत नहीं मिलती है. किसान गुरमुख सिंह ने कहा कि हमें प्रति किलोग्राम केवल 8-9 रुपये मिलते हैं, जबकि पीएआईसी प्रभावशाली किसानों को 12 रुपये का भुगतान करता है.
फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नर सेनू दुग्गल ने कहा कि हमने सरकारी एजेंसी से खरीदारी करने के लिए कहा है, लेकिन बहुत कम ग्रेड की किन्नू और गिरे हुए पौधों को नहीं खरीदा जा सकता है. हमने इस मुद्दे को सुलझाने में मदद करने के लिए 13 फरवरी को किसानों और पीएआईसी के बीच एक बैठक आयोजित की है.
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