उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड अंतर्गत हमीरपुर जिले में किसानों को मौसम की मार के कारण जबरदस्त नुकसान का सामना करना पड़ा है. जिले में आंधी,तूफान के साथ बारिश हुई और ओले भी पड़े. इसके कारण लगभग 40 गांवों के खेतों में लगी खड़ी फसल बर्बाद हो गई. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह नुकसान करोड़ों में हो सकता है. इस बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इसके कारण किसानों के सामने अब अनाज का संकट पैदा हो गया है. खास कर उन कसानों की परेशानी और बढ़ गई है जो इस बार अच्छी फसल की उम्मीद में अपने बेटियों के ब्याह की तैयारी कर रहे थे.
हमीरपुर जिले के 40 गांवों में ओले पड़ने से खेतों के उपर ओलों की सफेद चादर बिछ गई थी. हरे-भरे खेतों के रंग सफेद हो गए थे. इसके कारण खेतों में लगी खड़ी फसल बर्बाद हो गई. ओलो के कारण बर्बाद हुई अपनी मेहनत से उपजाई गई फसल को देखकर किसानों के आंसू नहीं थम रहे थे. क्योंकि उनके सामने अब यह संकट पैदा हो गया है कि वो अब पूरे साल क्या खाएंगे. एक महिला हीरा बाई ने रोते हुए बताया कि इस साल उनकी बेटी की शादी होनी थी. उम्मीद थी की अच्छी फसल होगी तो शादी अच्छे से हो जाएगी. पर ओलों के कारण उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई, अब उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि उनकी बेटी की शादी कैसे होगी.
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गौरतलब है कि मंगलवार शाम हमीरपुर जिले के कई इलाकों में अचानक तेज आंधी के साथ बरसात शुरू हो गई.इसके साथ ही बड़े बड़े ओले गिरने लगे और फिर देखते ही देखते करीब 40 गावो के खेतो में खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो कर जमीदोज हो गई है.इसके कारण किसानों की साल भर की मेहनत और उम्मीदों पर पानी फिर गया है. ओले गिरने से बर्बाद और तबाह हो गए किसानों का कहना है की उन्होंने बैंको, साहूकारों से कर्ज लेकर खेती की थी. पर ओलो ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. अब उनके सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. इसके अलावा उनके पास आत्महत्या करने का विकल्प ही बचा है.
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इस पूरे मामले को लेकर हमीरपुर जिले के उप निदेशक हरी शंकर भार्गव ने बताया की जिले के कई इलाकों में ओले गिरने से 40 गावो की फसले लगभग 90 फीसद नष्ट जो गई और जो 10 फीसद बची है वो भी काटने लायक नहीं रही है.वहीं जिले के एडीएम अरुण कुमार मिश्र ने बताया कि ओले गिरने से हुई फसलों की तबाही का जायजा लेने के लिए और किसानों को मुआवजा देने के लिए जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीमों को रवाना कर दिया है. यह टीम खेतो में जा कर जांच कर रिपोर्ट देंगी. उल्लेखनीय.है कि बुंदेलखंड के किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. कभी अतिवर्षा, कभी सूखा , कभी आंधी तूफान से किसान बर्बाद और तबाह हो रहे हैं.
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