महाराष्ट्र में इस बार अंगूर की खेती करने वाले किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ चीन से आ रही किशमिस किसानों को दोहरी चोट पहुंचा रही है. टैक्स से बचने के लिए भारी मात्रा में चीन से खराब क्वालिटी की किशमिस को आयात किया जा रहा है. इसकी वजह से अंगूर के किसानों को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही साथ राष्ट्रीय राजस्व को भी बड़ा घाटा झेलना पड़ रहा है. अब मांग की जा रही है चीन से गैर-कानूनी तरीके से आने वाली इस किशमिस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.
मराठी वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें मांग की गई है कि किशमिस के दामों को स्थिर रखने और किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए तुरंत 'चीनी किशमिस' के आयात पर रोक लगाई जाए. डिप्टी सीएम की तरफ से यह चिट्ठी केंद्रीय कृषि शिवराज सिंह के नाम लिखी गई है. साथ ही वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के सामने भी यही मांग उठाई गई है. इस चिट्ठी में खराब क्वालिटी की किशमिस के गैर-कानूनी आयात का जिक्र किया गया है. डिप्टी सीएम पवार के अनुसार चीन से खराब क्वालिटी की किशमिस का आयात तेजी से बढ़ा है.
उन्होंने बताया है कि टैक्स अदा किए बगैर चीन से भारी मात्रा में किशमिस भारत में लाई जा रही है. टैक्स अदा न होने की वजह से जहां सरकार को राजस्व में घाटा हो रहा है तो वहीं किसानों को भी आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है. गैर-कानूनी आयात की वजह से पीक सीजन में देश के किसानों की मेहनत बेकार हो रही है और उन्हें बड़ा घाटा उठाना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर तुरंत कोई कदम उठाना चाहिए जिससे किसानों को कोई नुकसान न हो. साथ ही गैरकानूनी आयात पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही इसके आयात और बिक्री पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि खराब क्वालिटी की किशमिस के आयात और सही टैक्स के लिए बंदरगाहों, एयरपोर्ट्स और बाजारों में पर निरीक्षण और टैक्स कलेक्शन के लिए एक प्रभावी सिस्टम होना चाहिए. साथ ही बाजार में सीजन के दौरान किशमिस की कीमतों को स्थिर रखकर किसानों को नुकसान से बचाया जाए.
महाराष्ट्र के अंगूर उत्पादक संघ ने डिप्टी सीएम पवार से मुलाकात की थी और उनका ध्यान इस तरफ दिलाया था. संगठन की तरफ से कहा गया था कि इन मसलों को सुलझाया जाना चाहिए. इसके बाद पवार ने केंद्र सरकार को इस पर चिट्ठी लिखने का फैसला किया.
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