धान उत्पादक राज्यों में कम बारिश, क्या उत्पादन पर पड़ेगा इसका असर?

धान उत्पादक राज्यों में कम बारिश, क्या उत्पादन पर पड़ेगा इसका असर?

भारत के प्रमुख धान उत्पादक राज्यों बिहार, आंध्र प्रदेश और असम में इस बार मानसून कमजोर रहा है. जानिए CareEdge Ratings की रिपोर्ट के अनुसार वर्षा की स्थिति और इसका कृषि उत्पादन पर संभावित प्रभाव.

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धान उत्पादक राज्यों में कम बारिश, क्या उत्पादन पर पड़ेगा इसका असर?मॉनसून में कम बारिश से धान के किसान परेशान

भारत में इस साल मॉनसून की शुरुआत समय से पहले हुई, लेकिन जून के मध्य में यह कमजोर पड़ गया. हालाँकि महीने के अंत में फिर से रफ्तार पकड़ने के बाद देश में औसत से 15% अधिक वर्षा दर्ज की गई है. लेकिन कुछ प्रमुख धान उत्पादक राज्यों जैसे बिहार, आंध्र प्रदेश और असम में अब तक सामान्य से कम वर्षा हुई है. 

इन तीनों राज्यों ने पिछले साल खरीफ सीजन में कुल धान उत्पादन में लगभग 15% योगदान दिया था. CareEdge Ratings की रिपोर्ट के अनुसार, इन राज्यों में बारिश की कमी चिंता का विषय बन सकती है.

पूरे देश में बारिश की स्थिति कैसी रही?

देश को 36 मौसमी उपखंडों में बांटा गया है. इनमें से:

  • 15 उपखंडों (43% क्षेत्र)*में सामान्य वर्षा हुई है.
  • 7 उपखंडों (13% क्षेत्र)*में वर्षा में कमी दर्ज की गई है.
  • बाकी उपखंडों में या तो अत्यधिक बारिश हुई है या औसत से ज्यादा.

इसका मतलब है कि देश में मॉनसून का वितरण असमान रहा है. कुछ इलाकों में बहुत ज्यादा बारिश हुई है जबकि कुछ क्षेत्रों में काफी कम.

क्षेत्रवार वर्षा के आंकड़े

  • उत्तर-पश्चिम भारत*में 37% अधिक वर्षा हुई है.
  • मध्य भारत*में भी 42% ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है.
  • दक्षिण भारत*में वर्षा सामान्य से 1% कम रही है.
  • पूर्व और पूर्वोत्तर भारत*में 20% कम वर्षा हुई है.

उत्तर और मध्य भारत में अच्छी बारिश के कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में बुवाई गतिविधियाँ तेजी से हो रही हैं.

खेती के लिए क्या संकेत हैं?

हालाँकि कुछ प्रमुख धान उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश हुई है, लेकिन पूरे देश की बात करें तो बुवाई की गतिविधियाँ बढ़ी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, यह संकेत देता है कि इस साल भी कृषि उत्पादन अच्छा रहने की संभावना है.

मॉनसून का आगे का व्यवहार बहुत अहम होगा, खासकर धान की खेती के लिए. अगर बारिश की स्थिति में सुधार होता है तो इससे उत्पादन पर सकारात्मक असर पड़ेगा.

 

  • बिहार, आंध्र प्रदेश और असम में कम बारिश से धान की खेती पर असर पड़ सकता है.
  • देश के बाकी हिस्सों में अच्छी वर्षा से बुवाई में तेजी आई है.
  • कुल मिलाकर मॉनसून की स्थिति अब तक संतोषजनक है और कृषि उत्पादन के लिए अच्छा संकेत है.

इसलिए आने वाले हफ्तों में मॉनसून की चाल और क्षेत्रीय वितरण पर नजर बनाए रखना जरूरी है.

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