बिहार आगे बढ़ रहा है! चावल-गेहूं-मक्का में नई ऊंचाई, दो दशकों में 192 फीसदी बढ़ा खाद्यान्न उत्पादन

बिहार आगे बढ़ रहा है! चावल-गेहूं-मक्का में नई ऊंचाई, दो दशकों में 192 फीसदी बढ़ा खाद्यान्न उत्पादन

Food Grain Production: खाद्यान्न उत्पादन में बिहार का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ रहा है. दरअसल, दो दशक के दौरान खाद्यान्न उत्पादन में 192.37 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. इसमें मक्का उत्पादन में 293.36 प्रतिशत तक की जोरदार वृद्धि हुई है.

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बिहार आगे बढ़ रहा है! चावल-गेहूं-मक्का में नई ऊंचाई, दो दशकों में 192 फीसदी बढ़ा खाद्यान्न उत्पादनचावल-गेहूं-मक्का का उत्पादन

बिहार में कृषि क्षेत्र ने बीते दो दशकों में विकास की नई कहानी लिखी है. राज्य में वर्ष 2004-05 में जहां कुल खाद्यान्न उत्पादन 79.06 लाख मीट्रिक टन था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 231.15 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. यानी करीब 192.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. खास बात यह है कि चावल, गेहूं और मक्का जैसी प्रमुख फसलों के उत्पादन में भी उल्लेखनीय उछाल आया है. यह उपलब्धि राज्य को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही है. कृषि के इस समग्र विकास को बिहार की आर्थिक प्रगति की रीढ़ माना जा रहा है.

चावल उत्पादन में बिहार का बढ़ा ग्राफ

खरीफ सीजन में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं, बिहार के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो 2023–24 में करीब धान (चावल) की खेती करीब 31 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हुई थी जबकि उत्पादन करीब 95.23 लाख मीट्रिक टन तक हुआ था. वहीं, 2005 में चावल का उत्पादन 26.25 लाख मीट्रिक टन था, जो बीते 18 से 19 सालों के दौरान 95.23 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया. जिसमें करीब 262.78 फीसदी तक की वृद्धि हुई है.

गेहूं और मक्का उत्पादन में जोरदार वृद्धि

बिहार में जहां 2023–24 में गेहूं की खेती 22.76 लाख हेक्टेयर में हुई थी और उत्पादन करीब 73.07 मीट्रिक टन के आसपास हुआ था. वहीं, गेहूं उत्पादन जहां 2005 तक 32.79 मीट्रिक टन के आसपास हुआ करता था. जो हाल के समय में 122.84 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही बिहार के अंदर मक्का उत्पादन में भी रिकॉर्ड तोड़ बढोतरी हुई जिसका उत्पादन वर्ष 2005 तक 14.91 लाख मीट्रिक टन था . वह वो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 58.65 लाख मीट्रिक टन के आसपास पहुंच चुका है. ऐसे में मक्का उत्पादन में 293.36 फीसदी वृद्धि हुई है.

कृषि उत्पादों को मिल रहा नया उड़ान

बिहार के कृषि उत्पाद कतरनी चावल, भागलपुरी जर्दालू आम, शाही लीची,मगही पान, मखाना और मर्चा धान को भौगोलिक सूचकांक यानी जीआई टैग मिल चुका है. वहीं, कई कृषि धरोहरों का जीआई पंजीकरण का कार्य अपने अंतिम पड़ाव की ओर है. इसके साथ ही उत्पादन और उत्पादकता में बिहार को 5 कृषि कर्मण पुरस्कार से अभी तक सम्मानित किया जा चुका है, जो राज्य के कृषि विकास की सफल गाथा को बयान कर रही है. फिर राज्य के कृषि व्यवस्था में कई तरह के रोड़े हैं, जिसे खत्म करने की जरूरत है.

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