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यूपी: आलू किसानों को राहत, 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी सरकारी खरीद

यूपी: आलू किसानों को राहत, 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी सरकारी खरीद

यूपी सरकार ने आलू किसानों की बर्बाद हो रही फसल को खरीदने की पहल की है. प्रदेश में आलू की उम्मीद से काफी ज्यादा उपज होने के कारण कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने की जगह का अभाव हो गया, जिससे किसानों की फसल खेत में ही पड़ी है. इसके मद्देनजर यूपी सरकार ने राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) को किसानों से आलू की खरीद करने को कहा है. 

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यूपी में 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी आलू की सरकारी खरीद यूपी में 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी आलू की सरकारी खरीद

यूपी में आलू की उपज उम्मीद से ज्यादा होने कारण बाजार में आलू की कीमत बहुत कम हो गई है. इस वजह से किसानों के सामने भंडारण का संकट खड़ा हो गया है. यूपी के कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक किसानों को इस संकट से उबारने के लिए सरकार ने आलू की खरीद करने की पहल की है. उन्होंने बताया कि हाफेड 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर किसानों से आलू खरीद करेगी. हालांकि, विपक्ष ने इसे नाकाफी बताया है. सपा के नेता श‍िवपाल सिंह यादव ने कहा है कि सरकार कम से कम 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू की खरीद करे.

संकट की ये है वजह

यूपी में इस साल 6.94 लाख हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने आलू की बुआई की थी. इसकी अनुमानित पैदावार बढ़कर 242 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हो गई है. उपज बढ़ने से बाजार में आलू के दाम में भारी गिरावट आ गई. वहीं, दूसरी ओर कोल्ड स्टोरेज में भंडारण की सीमित सुविधा किसानों के लिए नाकाफी साबित हुई. जिससे यह संकट उत्पन्न हो गया. 

चरणबद्ध तरीके से होगी खरीद

आलू की सरकारी खरीद को लेकर जारी दिशानिर्देशों में किसानों से आलू की खरीद चरणबद्ध तरीके से करने को कहा गया है. पहले चरण में आलू के क्रय केंद्र सात जिलों में स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस क्रम में फर्रुखाबाद, कौशांबी, उन्नाव, मैनपुरी, एटा, कासगंज तथा बरेली जिलों में आलू के क्रय केंद्र स्थापित कर किसानों से आलू की खरीद शुरू करने को कहा गया है. सिंह ने बताया कि अगले चरण में फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया और बाराबंकी में ई-नीलामी के माध्यम से आलू की बिक्री की जाएगी.

बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत होगी खरीद

सरकार की ओर से की गई हालात की समीक्षा में पाया गया कि गत वर्ष नवंबर में आलू के दाम बाजार में बढ़े थे. इसके बाद आलू की अचानक मंडियों में आवक शुरू हो गई. इस बीच सिंह ने गत 6 मार्च को फर्रुखाबाद मंडी का निरीक्षण करने पर पाया कि पूरे मंडल में आलू की बाजार कीमत 3 रुपये प्रति किग्रा थी. जबकि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में आलू की कीमत 12 से 14 रुपये रुपये प्रति किग्रा थी. इसके मद्देनजर सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत हाफेड के माध्यम से किसानों से उचित गुणवत्ता का आलू खरीदने का फैसला किया है.

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कोल्ड स्टोरेज में भी आलू रख सकेंगे किसान

सिंह ने कहा कि उद्यान विभाग के अधिकारी कोल्ड स्टोरेज संचालकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लगातार संपर्क में हैं. कोल्ड स्टोरेज में भंडारण की कमी नहीं रहने के प्रति आगाह करते हुए कहा जा रहा है कि आलू के भंडारण में किसानों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. इस पर नजर रखने के लिए प्रत्येक कोल्ड स्टोर पर उद्यान विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी तैनात किए गए हैं. साथ ही कोल्ड स्टोरेज में स्थान उपलब्ध रहते हुए अगर किसी कोल्ड स्टोर का संचालक किसानों को भंडारण के लिए आलू रखने से मना करता है तो किसान मोबाइल नम्बर 08707008719 पर सूचित कर उसकी शिकायत कर सकते हैं. 

गौरतलब है कि यूपी में 1900 से अधिक कोल्ड स्टोरेज हैं. इनकी भंडारण क्षमता 150-160 लाख टन है. यूपी में आलू की थोक बाजार में कीमत गिरकर 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल तक रह गई है. आलू की कीमत में आ रही गिरावट रोकने के लिए राज्य सरकार ने किसानों को अपनी उपज कोल्ड स्टोरेज में रखने की सलाह दी है. उद्यान विभाग के निदेशक डॉ आर के तोमर ने बताया कि आलू के भंडारण की दर भी तय कर दी गई है. इसके तहत किसानों को सामान्य आलू के लिए 230 रुपये प्रति क्विंटल और शुगर फ्री आलू के लिए 260 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भंडारण शुल्क देना होगा. 

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विपक्ष ने कहा यह कीमत नाकाफी है

यूपी में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता श‍िवपाल सिंह ने आलू की सरकारी खरीद की कीमत को बहुत कम बताते हुए इसे 650 के बजाए कम से कम 1500 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''सरकार का 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू खरीदने का फरमान. नाकाफी है श्रीमान ! 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बीज खरीदने वाले किसान के लिए यह समर्थन मूल्य मजाक है. सरकार को न्यूनतम 1500 रुपए प्रति पैकेट की दर से आलू की खरीद करनी चाहिए. कम से कम लागत तो दे दो सरकार.'' 

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