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यूपी : पट्टे की जमीन पर पान की खेती करने वाले किसानों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

यूपी : पट्टे की जमीन पर पान की खेती करने वाले किसानों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

पान के पारंपरिक इस्तेमाल और इसके महत्व को देखते हुए यूपी सरकार पान की खेती को भी शासकीय योजनाओं के दायरे में लाने जा रही है. यूपी के उद्यान विभाग ने प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में पान की खेती के लिए अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए नियमों में बदलाव की पहल की है. इसका मकसद पान की खेती को बुंदेलखंड इलाके में पान की खेती को बढ़ावा देना है.

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बुंदेलखंड में उपजाई जा रही पान की 5 प्रजातियों को किसान मेला में पेश किया गया बुंदेलखंड में उपजाई जा रही पान की 5 प्रजातियों को किसान मेला में पेश किया गया

भारत में पान के पारंपरिक महत्व को देशव्यापी स्तर पर मान्यता प्राप्त है. रोजमर्रा की जिंदगी में पान का महत्व तो सर्वविदित है ही, इसका औषधीय महत्व भी है. आम तौर पर पान के देसी पत्ते की खेती के लिए बुंदेलखंड का महोबा जिला सदियों से मशहूर रहा है. बुंदेलखंड के अन्य इलाकों में भी पान की खेती के लिए मुफीद हालात के मद्देनजर उद्यान विभाग ने इसकी खेती को विस्तार देने की पहल की है. चित्रकूट एवं झांसी मंडल के उपनिदेशक, उद्यान विनय कुमार ने बताया कि में पान की खेती को बुंदेलखंड इलाके में बढ़ावा देने के लिए सरकार, नियमों में बदलाव कर पान की खेती कर रहे सभी किसानों को सरकारी योजनाओं के दायरे में लाएगी.

बुंदेलखंड में पान की 5 किस्मों की हो रही उपज

वैसे तो पान के लिए देश दुनिया में बनारस और कोलकाता मशहूर हैं. बनारस में उगाया जाने वाला बनारसी पत्ता और कोलकाता के आसपास उगने वाले कलकतिया पान के पत्ते की मांग देश भर में होती है. इस बीच बुंदेलखंड के महोबा जिले में भी पान की खेती सदियों से होती रही है.

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कुमार ने बताया कि महोबा में होने वाले 'महोबा देशावरी' किस्म के पान के पत्ते की मांग बाजार में भरपूर है. उन्होंने बताया कि हाल ही में झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय में आयोजित बुंदेलखंड किसान मेला में इस इलाके में उगाई जा रही पानी की 3 किस्मों का प्रदर्शन किया गया. इनमें महोबा देशावरी के अलावा देसी पत्ता और बंगला पत्ता शामिल है. इसके अलावा ललितपुर जिले के पाली कस्बे में सागरी बंगला पान, मिठुआ पान और कटक पान की किस्में भी उगाई जाती हैं.

महोबा में बना पान का क्लस्टर

उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में महोबा और ललितपुर जिलों में पान की खेती होती है. सरकार ने महोबा जिले के जमनहयाई, बहताला, पहारिया, खन्या और विन्द्रावन गांवों में पान की खेती का क्लस्टर बनाया गया है. इसमें पान के किसानों को कम पानी में अधिक सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए ड्रिप तकनीक मुहैया कराई जा रही है. इसके अलावा बीज एवं खाद आदि संसाधनों के लिए भी सरकार की विभिन्न योजनाओं के दायरे में पान की खेती को शामिल किया गया है.

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उन्होंने बताया कि पान के किसानों को राष्ट्रीय कृष‍ि विकास योजना के तहत 1000 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में पान उगाने वाले किसान को 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है. उन्होंने बताया पान की खेती एक एक हजार वर्ग मीटर के जिस खेत में होती है उसे स्थानीय भाषा में 'बरेजा' कहा जाता है. एक बरेजा में किसान को 120 दिन की फसल में 3 से 4 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हो जाता है.   

5 साल में बढ़ा पान की खेती का रकबा

कुमार ने बताया कि बीते 5 सालों में पान की खेती को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों के परिणामस्वरूप में महोबा जिले में पान की खेती करने वाले किसानों की संख्या और रकबा में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पान की खेती वाले पांच गांवों के क्लस्टर में 2018-19 में 139 किसानों ने 9.82 हेक्टेयर जमीन पर पान की खेती की थी. यह संख्या 2020-21 में बढ़कर 142 हो गई और रकबा बढ़कर 10.27 हेक्टेयर हो गया. इसके बाद 2021-22 में पान की खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 148 और पान की खेती का रकबा 12.22 हेक्टेयर हो गया. इस साल 2022-23 में इन गांवों के 154 किसान 14.56 हेक्टेयर जमीन पर पान की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा लगभग 2.5 हेक्टेयर का पान का एक क्लस्टर ललितपुर जिले के पाली कस्बे में भी है.  

उन्होंने बताया कि इससे स्पष्ट है कि तकनीक और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने से पान की खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है. पान की खेती में उपज की बिक्री सीधे दवा कंपनियों एवं बाजार की जरूरत के लिए थोक खरीददारों द्वारा की जाती है. इससे किसानों को अन्य फसलों की तरह उपज बेचने पर पैसा मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ता है. इसका नगद भुगतान होने से किसानों में पान की खेती के प्रति उत्साह बढ़ रहा है.

नियमों में होगा बदलाव

उन्होंने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में पान की खेती कर रहे उन्हीं किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है जो अपनी जमीन पर खेती करते हैं. किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. कुमार ने कहा कि इस समस्या को हाल ही में यूपी के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के समक्ष उठाया गया.

सिंह ने किराए की जमीन पर पान की खेती कर रहे किसानों को भी सरकारी योजनाओं के दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है. कुमार ने बताया कि जल्द ही इस बारे में शासनादेश जारी हो जाएगा. इसके बाद पान की खेती कर रहे किसानों की संख्या एवं रकबा में तेजी से उछाल आएगा. इससे किसानों की आय में इजाफा करने के सरकार के मकसद की भी प्राप्ति आसानी से हो सकेगी.