एक्सपोर्ट बैन के बावजूद केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 2000 टन सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है. इसका फायदा मुख्य तौर पर गुजरात के किसानों को मिलेगा, क्योंकि वहीं पर सफेद प्याज की खेती सबसे ज्यादा होती है. लोकसभा चुनाव के बीच हुए इस फैसले पर कुछ लोग यह कहते हुए सवाल उठा रहे हैं कि यह गुजरात के किसानों को खुश करने की कोशिश है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब गुजरात के बागवानी आयुक्त निर्यात की जाने वाली वस्तु और मात्रा को प्रमाणित करेंगे. इसीलिए महाराष्ट्र के किसान नेता कह रहे हैं कि सिर्फ गुजरात के किसानों को फायदा दिलाने की कोशिश क्यों हो रही है?
सफेद प्याज को एक्सपोर्ट करने के नोटिफिकेशन में ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई है कि इसका एक्सपोर्ट नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ही करेगा. बल्कि इसमें केवल इतना प्रावधान है कि निर्यात मुंद्रा और पिपावाव के गुजराती बंदरगाहों या मुंबई में न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से किया जाना चाहिए. महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा है कि बीच चुनाव में गुजरात के बीजेपी नेता अपने किसानों को फायदा दिलाने वाले फैसले करवा रहे हैं जबकि महाराष्ट्र के नेता केंद्र सरकार के सामने नतमस्तक हैं, चाहे किसानों का जितना भी नुकसान हो जाए. वो भी तब जब महाराष्ट्र सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है और एक्सपोर्ट बंद होने से हर किसान को लाखों का नुकसान हो रहा है.
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महाराष्ट्र के किसान नेता 2000 टन सफेद प्याज के निर्यात को चुनावी कनेक्शन इसलिए बता रहे हैं क्योंकि गुजरात देश में सफेद प्याज का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है. भावनगर और अमरेली जैसे जिले जहां 7 मई को चुनाव होने हैं वहां सफेद प्याज का अच्छा उत्पादन होता है. बताया गया है कि 80 फीसदी सफेद प्याज गुजरात में पैदा होता है जबकि 20 फीसदी महाराष्ट्र और अन्य सूबों में होता है.
बहरहाल, सफेद प्याज एक्सपोर्ट में छूट को लेकर महाराष्ट्र जैसे पड़ोसी राज्यों के प्याज किसानों के बीच कुछ बेचैनी पैदा कर दी है, जो लाल प्याज उगाते हैं और उसका एक्सपोर्ट प्रतिबंधित है. उधर, हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशनके अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा कि थोक बाजारों में लाल प्याज का दाम गिरकर लगभग 12 रुपये प्रति किलोग्राम तक रह गया है, दूसरी ओर सफेद प्याज का भाव 17 रुपये तक है. प्याज का एक्सपोर्ट 7 दिसंबर 2023 से बैन है. जबकि प्याज का पर्याप्त स्टॉक है. ऐसे में जब भी सरकार अतिरिक्त निर्यात की अनुमति दे तो उसे सभी व्यापारियों और किसानों के लिए इसका रास्ता खोलना चाहिए.
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