scorecardresearch
बेमौसम बारिश ने तोड़ी कच्‍छ के किसानों की उम्‍मीदें, केसर आम की फसलों को बड़ा नुकसान 

बेमौसम बारिश ने तोड़ी कच्‍छ के किसानों की उम्‍मीदें, केसर आम की फसलों को बड़ा नुकसान 

पहले से ही मौसम की मार झेल रहे गुजरात के मशहूर आम केसर पर एक और आफत आ गई है. बेमौसमी बारिश ने किसानों की उम्‍मीदों को तोड़ दिया है.  ताजा जानकारी के मुताबिक कच्छ के किसानों की तैयार फसलें अचानक तेज हवा और बारिश के कारण बर्बाद हो गई हैं. जिले में केसर आम की फसल बड़ी मात्रा में हुई है. इस साल उन्हें अच्छी आमदनी की भी उम्मीद थी.

advertisement
बेमौसमी बारिश से निराश कच्‍छ के किसान बेमौसमी बारिश से निराश कच्‍छ के किसान

पहले से ही मौसम की मार झेल रहे गुजरात के मशहूर आम केसर पर एक और आफत आ गई है. बेमौसमी बारिश ने किसानों की उम्‍मीदों को तोड़ दिया है.  ताजा जानकारी के मुताबिक कच्छ के किसानों की तैयार फसलें अचानक तेज हवा और बारिश के कारण बर्बाद हो गई हैं. जिले में केसर आम की फसल बड़ी मात्रा में हुई है. इस साल उन्हें अच्छी आमदनी की भी उम्मीद थी. लेकिन बेमौसम बारिश तूफान बनकर बरसी और किसानों पर बड़ी मुसीबत आ गई. 

अचानक बारिश ने बढ़ाईं मुसीबतें 

कच्छ में अचानक तेज हवाओं और बारिश से बागवानी फसलों को भारी नुकसान पहुचाया है.  अनार और केसर आम, खारेक की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. करोड़ों रुपये की फसलें नष्‍ट हो गई हैं. अंजार तहसील में तेज हवाओं की वजह से केसर आम गिर गए. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. इस साल कच्छ के केसर आम के किसानो को आर्थिक रूप से नुकसानी का सामना करना पड़ेगा. 

यह भी पढ़ें- आलू क्‍यों बना 'सोना'... 50 रुपये किलो तक पहुंचेंगे दाम! कोल्‍ड स्‍टोरेज में स्‍टॉक रखने के लिए क्‍या फरमान

महंगा होगा केसर आम 

चिंतित किसानों की मानें तो आम के मौसम से ठीक पहले बेमौसम बारिश से खड़ी फसलें भारी बर्बाद हो रही हैं, जो आम तौर पर मई के पहले सप्ताह में शुरू होता है. उनका कहना है कि कम ठंडी सर्दी और मार्च में बेमौसम बारिश और तूफान के कारण पहले ही आम के पेड़ों पर फूल काफी कम आए और फिर तेज हवाओं के कारण कई छोटे फल गिर गए. सीमित फसल के कारण आम प्रेमियों की परेशानी और बढ़ गई है. इससे कीमतें काफी बढ़ने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें- एक ही बगीचे में लगा दिए 26 वैरायटी के आम, ऑनलाइन की लाखों की बिक्री 

मौसम ने फेरा उम्‍मीदों पर पानी 

कच्छ के केसर आम की मांग मार्केट में सबसे ज्यादा है. लेकिन पिछले तीन सालों से लगातार आम की पैदावार के समय ही मौसम करवट बदलता है. इसकी वजह से किसानों की तैयार फसलें बर्बाद हो जाती है. इस साल किसान को 50-60 फीसदी आम की पैदावार की उम्मीद थी लेकिन बदलते मौसम ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.इस साल 20 प्रतिशत आम की फसल बर्बाद हो चुकी है. आशंका है कि कच्छ के किसानों को इस साल भी लाखों का नुकसान झेलना पड़ेगा. साथ ही में किसानों ने सरकार से मदद राशि की मांग की है. 

(कौशिक कंठेचा की रिपोर्ट)