इस बार फरवरी माह में ही बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों की समस्या बढ़ गई है. माना जा रहा है कि जिस तरह से लगातार फरवरी माह में पारा बढ़ रहा है, उससे गेहूं की पैदावार में खास गिरावट आ सकती है जो कि किसानों की कमर तोड़ने का काम करेगी. किसान गन्ने की फसल को लेकर पहले ही परेशान हैं क्योंकि इस बार एक तो गन्ने का दाम नहीं बढ़ पाया है, तो दूसरी ओर गन्ने में लगने वाले कीड़े ने फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है. इसके बाद अब गेहूं की समस्या भी किसान के सामने आकर खड़ी हो गई है.
होली से पहले इस बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों का कहना है कि जहां एक बीघा खेत से लगभग तीन क्विंटल गेहूं की पैदावार हो जाती थी, इस बार वह आधा ही रह जाने की उम्मीद है.
लगातार बढ़ते तापमान के बारे में जानकारी देते हुए मुजफ्फरनगर के मौसम अधिकारी पान सिंह ने बताया कि इस बार मौसम विभाग भी कह रहा है कि कई राज्यों में पारा चार से पांच डिग्री ज्यादा चल रहा है. तापमान बढ़ने के साथ तेज हवाएं भी चल रही हैं जो लू का रूप ले लेंगी. गेहूं के लिए हमें मौसम ठंडा चाहिए. इसलिए गर्मी जल्दी आने से गेहूं की पैदावार में निश्चित रूप से गिरावट आएगी.
फसल जल्दी पकेगी तो कटाई भी जल्दी ही होगी. जब गेहूं कट जाएगा तो क्रय केंद्रों पर भी जल्दी जाएगा. इसलिए क्रय केंद्रों को जल्दी खोलने की मांग हो रही है. मुजफ्फरनगर के किसानों का कहना है कि मौसम विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि अगर मौसम में चार पांच डिग्री की बढ़ोतरी रही है, तो निश्चित रूप में गेहूं की पैदावार में गिरावट आएगी.
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किसान गुलाब सिंह का कहना है कि फसल पर गर्मी का काफी प्रभाव रहेगा. शुरू में बारिश नहीं और अब पारा बढ़ने लगा है. इस बार कम से कम 30-40 परसेंट तक गेहूं में नुकसान रहेगा. गन्ने का भाव भी अच्छा नहीं मिल रहा है. हमें गन्ने में भी नुकसान लगा है. इसलिए भरपाई के लिए गन्ने का भाव बढ़ना चाहिए.
किसान बालेंद्र चौधरी ने बताया कि गेहूं की फसल तो लगभग बर्बादी के कगार पर है. गर्मी बढ़ने से गेहूं की फसल बैठ जाती है. यूं कहें कि एक बीघा में तीन कुंटल पैदावार मिलता है, वह डेढ़ कुंटल ही मिलेगा. किसान को 50 फ़ीसद नुकसान होगा. अगर इन दिनों में सर्दी होती तो गेहूं बढ़ता. मगर गर्मी होने के कारण वह छोटा रह जाएगा और मात्रा कम हो जाएगी. उसकी उपज आधी रह जाएगी.
किसान कहते हैं, गेहूं पकने की कगार पर है. अगर गर्मी और बढ़ती रही तो गेहूं बिल्कुल खत्म हो जाएगा. गेहूं जल्दी पक जाता है तो इसकी मंडी में खरीद-फरोख्त भी जल्दी होनी चाहिए ताकि किसान अपने गेहूं को बेच सकें. गर्मी में गन्ने को भी नुकसान है. गन्ने में कीड़ा लग गया है जिससे किसान गन्ने को काटने के लिए मजबूर हो गया है. गर्मी की वजह से गन्ने की पैदावार भी आधी रह जाएगी. अचानक गर्मी आने से गेहूं और गन्ने का संतुलन खराब हो गया है.
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किसान नवाब हैदर की मानें तो गेहूं की पैदावार पर 30-40 पर्सेंट का प्रभाव पड़ा है. इस बार सर्दियों में बरसात नहीं हुई और तापमान ज्यादा हो गया है. गेहूं पर असर तो है ही, गन्ने की स्थिति भी बहुत खराब है. छिड़काव के लिए दवाई ओरिजिनल नहीं मिल पा रही है. गन्ने में लगे कीड़ों को रोकने के लिए किसानों ने बहुत दवाई डाली है. पर कीड़ा नहीं रुक रहा है. इस तरह किसानों को गन्ने में नुकसान के अलावा गेहूं की फसल भी मारी जा रही है.(रिपोर्ट/संदीप सैनी)
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