उत्तर प्रदेश में केले की खेती का चलन अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. महाराष्ट्र के भुसावल में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर बाराबंकी और लखनऊ में बड़े पैमाने पर केले की खेती होने लगी है. बाराबंकी से सटे लखनऊ के आसपास के इलाकों में केले की खेती खूब हो रही है. दिक्कत ये है कि हर साल केले की खेती में किसानों को फायदा हो रहा था लेकिन इस बार लागत निकालना मुश्किल पड़ रहा है. लखनऊ के गोसाईगंज के किसानों के लिए इस साल केले की खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है. जय शंकर वर्मा ने 5 एकड़ पर केले की खेती की थी लेकिन इस बार फायदा तो छोड़िए, उनकी फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है. जयशंकर ऐसे अकेले किसान नहीं हैं, बल्कि उनके जैसे बाराबंकी के सैकड़ों किसान परेशान हैं. इस साल किसान का कच्चा केला मंडी में 4-5 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रहा है, जबकि किसान की लागत है 8 से 10 रुपये प्रति किलो की आ रही है. ऐसे में इस बार किसानों को केले ने जोर का झटका दिया है.बहुत से किसान तो अब केले की फसल को काट कर दूसरी फसल लगाने की तैयारी कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोसाईगंज से सटे इलाकों में केले की खेती खूब हो रही है. जनपद में ऐसे हजारों किसान हैं जो धान, गेहूं से हटकर व्यावसायिक खेती कर रहे हैं. उन्होंने अपनी आय को कई गुना बढ़ा लिया है. लखनऊ में केले की खेती में फायदे को देखते हुए दूसरे किसान भी प्रोत्साहित होकर खेती से जुड़ गए. आज पूरे जनपद में 100 से ज्यादा किसानों के लिए केले की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. जनपद के बड़े किसान जय शंकर वर्मा ने बताया कि उन्हें इस बार केले की खेती में मुनाफे की जगह घाटा हुआ है. केले ने उन्हे ऐसा झटका दिया कि अब वह दोबारा केले की खेती करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. वे बताते हैं कि केले की खेती में उन्होंने अच्छी लागत लगाई थी लेकिन इस बार जब केला बाजार पहुंचा तो 4 से 5 रुपये किलो का भाव मिला. केले की खेती ने उन्हें इस बार बहुत निराश किया है. केले में इतनी मेहनत के बाद भी मुनाफा तो दूर उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है.
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केले की खेती करने वाले किसान राम स्वरूप ने 2 एकड़ में फसल लगाई थी. बीते 2 सालों से उन्हें खूब मुनाफा मिल रहा था लेकिन इस बार केले की खेती ने उन्हें जबरदस्त झटका दिया है जिसके कारण वह खेत में ही केले की फसल को काटकर गिरा रहे हैं ताकि अब वह गेहूँ की फसल लगा सकें. उनके जैसे कई और किसान हैं जो इस बार केले की खेती को छोड़कर दूसरी खेती करने के लिए मन बना चुके हैं.
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