खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की खरीद को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने 29 अक्टूबर तक 92.46 लाख मीट्रिक टन की खरीद पूरी कर ली है. हालांकि, अभी लक्ष्य से काफी दूर है. खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-2025 के दौरान केंद्र ने 724.02 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का टारगेट सेट किया है. जिसमें सबसे ज्यादा 185 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य अकेले पंजाब को दिया गया है. जबकि 104.48 लाख मीट्रिक टन के साथ दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है. हरियाणा को 59.70 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है. खासतौर पर पंजाब में धान खरीद में देरी होने से किसानों में नाराजगी है. धान की इस समस्या का समाधान कब होगा इसका ठोस जवाब न पंजाब सरकार दे रही है और न केंद्र.
बहरहाल, सेंट्रल पूल यानी बफर स्टॉक के लिए सबसे ज्यादा धान खरीदने का लक्ष्य लेने वाले पंजाब ने 29 अक्टूबर की शाम तक 49.84 लाख मीट्रिक टन की खरीद कर ली थी. कायदे से देश में सबसे ज्यादा धान की खरीद यहीं हुई है. हालांकि यह सूबे को मिले लक्ष्य का सिर्फ 27 फीसदी ही है. इस वजह से किसान औने-पौने दाम पर व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं. दूसरी ओर, हरियाणा ने 37.23 लाख मीट्रिक टन धान खरीद लिया है, जो उसके लक्ष्य का लगभग 62 फीसदी है. इसीलिए धान खरीद की सुस्त रफ्तार को लेकर पंजाब में किसान हंगामा कर रहे हैं. किसान धान खरीद में राज्य सरकार पर ढिलाई बरतने के आरोप लगा रहे हैं.
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उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने पंजाब के मामले पर अपनी आधिकारिक स्थिति स्पष्ट की है. जिसमें दावा किया गया है कि राज्य में 1 अक्टूबर 2024 से धान की खरीद शुरू हो गई थी. इसके लिए पूरे पंजाब में 1000 अस्थायी यार्ड सहित 2,927 मंडियां खोली गई हैं. इसके अलावा, 4145 मिलर्स ने धान की मिलिंग के लिए आवेदन किया है और वे किसानों से खरीदे हुए धान को मंडियों से उठा रहे हैं. राज्य नवंबर के अंत तक अपना 185 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 29 अक्टूबर शाम तक आंध्र प्रदेश में 1133 मीट्रिक टन, हिमाचल प्रदेश में 13,260 मीट्रिक टन, जम्मू-कश्मीर में 7,326 मीट्रिक टन, केरल में 1186 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 4,31,959 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 901 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 47,128 मीट्रिक टन और उत्तर प्रदेश में 35,864 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है.
मंत्रालय के अनुसार अब तक धान बेचने के लिए 51,20,405 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. बिना रजिस्ट्रेशन किसी भी किसान से एमएसपी पर धान की खरीद नहीं की जाती. अब तक देश के 4,43,203 किसानों को 17,158 करोड़ रुपये की रकम एमएसपी के तौर पर उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है. पंजाब के किसानों को सबसे ज्यादा 10,627.63 करोड़ रुपये की रकम मिली है. इससे पंजाब के 2,61,369 किसानों को लाभ मिला है. जबकि अब तक सरकार को धान बेचने वाले हरियाणा के किसानों के बैंक खातों में 5,480.32 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.
खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए सरकार ने ग्रेड 'ए' धान की एमएसपी 2320 रुपये जबकि सामान्य धान की एमएसपी 2300 रुपये प्रति क्विंटल तय की है. हालांकि, मौजूदा सत्र के दौरान ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में किसानों से धान की खरीद 3100 रुपये क्विंटल पर होनी है. दोनों में बीजेपी ने एमएसपी पर बोनस देकर इसी भाव पर धान खरीदने के लिए चुनाव में वादा किया था. दोनों में इस वक्त बीजेपी की सरकार है.
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