भारी बारिश में फसलें नहीं होंगी बर्बाद, बस अपनानी होगी ये तकनीक

भारी बारिश में फसलें नहीं होंगी बर्बाद, बस अपनानी होगी ये तकनीक

भारी बारिश में फसलों को नुकसान से बचाने के लिए रेज्ड बेड प्लांटर मशीन अपनाएं. यह तकनीक मक्का, तिलहन और दलहन फसलों को जलभराव से बचाकर उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है.

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भारी बारिश में फसलें नहीं होंगी बर्बाद, बस अपनानी होगी ये तकनीकइस तरीके से करें बुवाई

आजकल मौसम का मिजाज समय के हिसाब से बदलता रहता है. कभी तेज धूप, तो कभी अचानक भारी बारिश. ऐसे हालात में खेती करना किसानों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन चुका है. खासकर भारी बारिश में फसलें बर्बाद हो जाती हैं क्योंकि कई फसलें ज्यादा पानी नहीं सह पातीं. इस कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

मक्का की खेती में राहत की खबर

मक्का उगाने वाले किसानों के लिए अब एक खुशखबरी है. "रेज्ड बेड प्लांटर मशीन" नाम की एक तकनीक से मक्का की बुआई इस तरह की जा सकती है कि भारी बारिश के बावजूद फसल को कोई नुकसान न हो. यह तकनीक न केवल मक्का के लिए, बल्कि तिलहन और दलहन जैसी फसलों के लिए भी बहुत फायदेमंद है.

क्या है रेज्ड बेड प्लांटर मशीन?

रेज्ड बेड प्लांटर एक आधुनिक कृषि यंत्र है. यह मशीन खेत में मिट्टी की ऊँची-नीची मेड़ें (Raised Beds) बनाती है और उन पर बीज बोती है. इसके साथ-साथ दोनों तरफ नालियां (Furrows) भी बनाती है. इन नालियों की मदद से बारिश का अतिरिक्त पानी बहकर बाहर निकल जाता है, जिससे पौधों की जड़ें सड़ती नहीं हैं.

कैसे काम करती है ये मशीन?

रेज्ड बेड प्लांटर मशीन तीन काम एक साथ करती है 

  • मेड़ बनाना
  • बीज बोना
  • उर्वरक डालना

इस मशीन को ट्रैक्टर से जोड़ा जाता है और खेत में चलाने पर यह खुद-ब-खुद खेत को इस तरह तैयार कर देती है कि पानी का जमाव न हो.

क्या है पूरी प्रक्रिया?

  • पहला चरण: खेत को पहले सामान्य तरीके से जोता जाता है.
  • दूसरा चरण: मशीन को ट्रैक्टर से जोड़कर खेत में चलाया जाता है. यह मिट्टी को ऊँची मेड़ों और गहरी नालियों में बदल देती है.
  • तीसरा चरण: मेड़ों पर बीज बोए जाते हैं, और नालियां पानी की निकासी का रास्ता बनती हैं.
  • चौथा चरण: जब बारिश होती है, तो पानी नालियों से बाहर निकल जाता है. और अगर बारिश कम हो, तो यह नालियां नमी बनाए रखती हैं जो जड़ों तक पहुंचती है.

क्यों अपनाएं ये तकनीक?

  • भारी बारिश में भी फसल खराब नहीं होती
  • जलभराव से जड़ों को नुकसान नहीं
  • सूखे में भी पौधों को नमी मिलती रहती है
  • सभी पौधों की बढ़वार एक समान होती है
  • फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बढ़ता है
  • समय, मेहनत और उर्वरक की बचत होती है

किन फसलों में है ज्यादा फायदा?

यह तकनीक खासकर मक्का, चना, मूंगफली, सरसों, अरहर जैसी फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है. यह सभी फसलें पानी की मात्रा को लेकर संवेदनशील होती हैं, इसलिए रेज्ड बेड तकनीक उन्हें सुरक्षा देती है.

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