हमारे देश में अनाजों की खेती के साथ बागवानी फसलें उगाने वाले किसान भी खूब हैं. बागवानी फसलों में फल-सब्जी और मसालों की खेती की जाती है. कमाई के लिहाज से भी बागवानी फसलों की खेती फायदेमंद है जिसके कारण अधिकांश किसान सब्जियों की खेती से जुड़ गए हैं. हालांकि सब्जी की खेती करने वाले किसान हमेशा फायदे में नहीं रहते हैं, कई बार उनके सामने कुछ चुनौतियां भी रहती हैं. अगर आप सब्जी उगाते हैं तो सितंबर के महीने में कई बातों का ध्यान रखना होता है. आइए जान लेते हैं.
हमारे देश में बड़े पैमाने में लोग सब्जियों की खेती करते हैं. सब्जी की खेती करने वाले किसानों को सितंबर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन दिनों अधिकांश राज्यों में बारिश कम हो जाती है तो कई बार जरूरत से ज्यादा बारिश होती है. मौसम की इस अनियमितता के चलते कई बार सब्जियों की फसलें खराब हो जाती हैं. आपको मौसम के पूर्वानुमान की खबरें देखते रहनी चाहिए और अधिक बारिश की संभावना होने पर खेत की मेड काटकर रखें ताकि जलभराव ना हो. वहीं कम बारिश या बरसात ना होने की आशंका है तो सिंचाई की व्यवस्था करें.
सितंबर महीने में अचानक से मौसम बदलने पर कई तरह के कीट और रोग भी बढ़ जाते हैं. आपको बता दें कि इन दिनों मिट्टी में नमी की अधिकता होने के चलते पत्तियों में झुलसा रोग, जड़ सड़न, तना छेदक जैसे कीट और रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है. इनसे निपटने के लिए समय पर कीटनाशकों और जैविक उपायों का उपयोग जरूरी है.
ये भी पढे़ं: International Dog Day: इंसानों की तरह देश में कुत्तों के भी हैं ब्लड बैंक, सबसे ज्यादा होते हैं ब्लड ग्रुप
इसके अलावा इन दिनों खेत में खरपतवार की भी समस्या बढ़ जाती है जो सब्जियों की फसल को दबा देते हैं. इसलिए अनावश्यक घास-फूस और खरपतवार की सफाई बहुत जरूरी है.
सब्जियों की खेती करने वाले लोग अच्छी-खासी कमाई करते हैं. लेकिन बहुत सी चुनौतियां भी लगी रहती हैं. आपको बता देते हैं कि सितंबर के महीने में किसानों के सामने बाजार भाव भी एक बड़ी चुनौती रहती है. कई बार अधिक बारिश के कारण स्टोरेज की व्यवस्था ना होने पर किसान औने-पौने दाम में अपनी उपज बाजार में बेच देते हैं. इसके अलावा सितंबर में बाजारों में फल-सब्जी की अधिक आवक हो जाती है जिसके कारण दाम में कमी की संभावना हो जाती है. अगर आप किसान हैं तो आपको इस समस्या से निपटने के लिए सब्जियों को स्टोर करने की व्यवस्था करनी चाहिए और अपना माल तब निकालना चाहिए जब बाजर में इसकी अच्छी कीमत मिले.
ये भी पढ़ें:
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today