करनाल की मंडी में अब दूसरे राज्‍यों से नहीं आ पाएगा धान, प्रशासन ने उठाया यह बड़ा कदम 

करनाल की मंडी में अब दूसरे राज्‍यों से नहीं आ पाएगा धान, प्रशासन ने उठाया यह बड़ा कदम 

हर साल पीडीएस चावल और धान की आवक जिले के प्रशासन को अलर्ट कर देती है. पिछले साल राइस  मिलों से बाकी राज्यों से आए पीडीएस चावल और धान जब्त किए गए थे. इन्हें कम कीमत पर खरीदा गया और नकली गेट पास की मदद से प्रॉक्सी खरीद के खिलाफ प्रयोग किया गया. करनाल में चावल की गैर-कानूनी एंट्री को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने हरियाणा-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर नाके लगाए हैं.

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करनाल की मंडी में अब दूसरे राज्‍यों से नहीं आ पाएगा धान, प्रशासन ने उठाया यह बड़ा कदम हरियाणा में जारी धान की खरीद

हरियाणा में जारी धान की खरीद के बीच ही एक बड़ा कदम उठाया गया है. यहां के करनाल में पड़ोसी राज्यों से धान और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के चावल की गैर-कानूनी एंट्री को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने हरियाणा-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर नाके लगाए हैं. ये नाके मंगलोरा और शेरगढ़ टापू गांवों में लगाए गए हैं. यह कदम उस समय उठाया गया जब कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि यूपी, बिहार और बाकी राज्यों से धान और पीडीएस चावल चोरी-छिपे  करनाल की अनाज मंडी और राइस मिलों में लाया जा रहा है. 

पिछले साल जब्‍त हुआ नकली धान 

अखबार द ट्रिब्‍यून की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल पीडीएस चावल और धान की आवक जिले के प्रशासन को अलर्ट कर देती है. पिछले साल राइस  मिलों से बाकी राज्यों से आए पीडीएस चावल और धान जब्त किए गए थे. इन्हें कम कीमत पर खरीदा गया और नकली गेट पास की मदद से प्रॉक्सी खरीद के खिलाफ प्रयोग किया गया. पिछले साल भी नकली गेट पास से जुड़े कई मामले सामने आए थे. अधिकारियों को संदेह है कि पीडीएस के लिए रखे गए चावल को राज्य को सप्लाई किए जाने वाले कस्टम-मिल्ड चावल (सीएमआर) के तौर पर पेश किया जा सकता है. 

स्रोतों के अनुसार, व्यापारी लंबे समय से कीमतों के अंतर और नियमों में मौजूद कमियों का फायदा उठाकर सस्ते धान या चावल को मिलाकर कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) पर बेचते रहे हैं. उपायुक्त (डिसी) उत्तम सिंह ने करनाल और एसडीएम अनुभव मेहता को इन नाकों की सीधे निगरानी का जिम्‍मा सौंपा गया है. इन चेकपॉइंट्स पर 24 घंटे सतर्क रहने के लिए पुलिस टीमों के समर्थन से ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. 

लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्‍त 

इसके अलावा, इंद्री, घरौंदा, असंद और निलोकहेरी के एसडीएम को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले अनाज बाजारों और चावल मिलों पर कड़ी नजर रखें ताकि दूसरे राज्यों से आने वाले ऐसे धान और पीडीएस चावल की आवक को रोका जा सके. डीसी ने बाजार समिति के सचिवों को भी निर्देश दिया कि बिना वैध गेट पास या हरियाणा के बाहर से आने वाले कंसाइनमेंट को मंडियों में प्रवेश न दिया जाए.  उन्‍होंने चेतावनी दी और कहा, 'उत्तर प्रदेश, बिहार और दूसरे राज्यों से आने वाले धान की निगरानी के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को पुलिसकर्मियों के साथ 24 घंटे तैनात किया गया है. किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' उन्‍होंने कहा कि निगरानी को मजबूत करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. 

नकली किसान ID से कमा रहे लाखों 

सूत्रों का दावा है कि कुछ व्यापारी खराब क्‍वालिटी वाले धान और हरियाणा के बाहर से लाए गए पीडीएस चावल का प्रयोग करके सिस्टम और राज्य खजाने को धोखा दे रहे हैं. उनका आरोप है कि कम कीमत पर खरीदा गया धान, उन्हें आवंटित धान के बदले चावल में प्रोसेस कर एमएसपी के अनुसार 2,389 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकार को भेजा जाता है. यह सब 'मेरी फसल मेरा ब्‍यौरा' (MFMB) पोर्टल पर नकली रजिस्ट्रेशन के जरिये से किया जा रहा है.

वहीं नकली किसान आईडी और प्रति एकड़ उपज के आंकड़ों को बदलकर ये व्यापारी ट्रांसपोर्टेशन खर्च को कवर करने के बाद भी प्रति क्विंटल 400–600 रुपये का लाभ कमाते हैं. सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि मिलावट हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (HSAMB) और कई खरीद एजेंसियों के अधिकारियों और व्यापारियों के बीच संगठित गठजोड़ की मदद से की जा रही है. पिछले वर्षों की कई जांच अभी भी अटकी हैं. अब तक कोई बड़ी सजा नहीं दी गई है.  

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