केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एक उच्चस्तरीय बैठक में देश के कृषि क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा की, बैठक में खरीफ फसल की बुवाई, रबी फसल की स्थिति, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की हालत, उर्वरक की उपलब्धता और जलाशयों के जलस्तर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई.
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ फसलों के कुल बुवाई क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. कुल बुवाई क्षेत्र 1121.46 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. गेहूं, धान, मक्का, गन्ना और दलहन की बुवाई भी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हुई है. उड़द की बुवाई क्षेत्रफल में भी 1.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित जिलों का हाल भी जाना, जिनका वे हाल ही में दौरा कर चुके हैं. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण कुछ राज्यों में फसलें प्रभावित हुई हैं, लेकिन बेहतर मॉनसून के चलते अन्य राज्यों में फसल की स्थिति अच्छी है, जिससे उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है.
टमाटर, प्याज और आलू की बुवाई भी बढ़ी है. प्याज का क्षेत्रफल 3.62 लाख से बढ़कर 3.91 लाख हेक्टेयर, आलू 0.35 लाख से 0.43 लाख हेक्टेयर और टमाटर 1.86 लाख से 2.37 लाख हेक्टेयर हो गया है. चावल और गेहूं के स्टॉक भी बफर मानकों से अधिक हैं.
बैठक में बताया गया कि टमाटर और प्याज की बुआई सुचारू रूप से चल रही है. वर्ष 2024-25 की तुलना में प्याज का बुवाई क्षेत्रफल 3.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.91 लाख हेक्टेयर हो गया है, वहीं आलू का क्षेत्रफल 0.35 लाख हेक्टेयर की तुलना में 0.43 लाख हेक्टेयर हो गया है.
टमाटर का बुवाई क्षेत्रफल पिछले वर्ष समान अवधि में 1.86 लाख हेक्टेयर था, जो इस वर्ष बढ़कर 2.37 लाख हेक्टेयर हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि आलू, प्याज, टमाटर में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप अच्छी वृद्धि हुई है. बैठक में बताया गया कि चावल और गेहूं के वास्तविक स्टॉक बफर मानक के मुकाबले ज्यादा हैं.
जलाशयों की स्थिति पर अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष देशभर के 161 जलाशयों में जल संग्रहण पिछले वर्ष के मुकाबले 103.51 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों के औसत से 115 प्रतिशत अधिक है.
उर्वरक उपलब्धता पर मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए संबंधित विभागों को सुनिश्चित करने को कहा कि आगामी फसल सीजन में उर्वरकों की आपूर्ति में कोई बाधा न आए. केंद्रीय मंत्री ने सभी अधिकारियों से तालमेल बनाए रखने और कृषि क्षेत्र की स्थिर प्रगति के लिए लगातार प्रयास करने को कहा.
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