गन्ने की एफआरपी बढ़ाने की मांगकर्नाटक के बेलगावी जिले में गन्ना मूल्य को लेकर शुगर मिल मालिकों और किसान संगठनों के बीच टकराव और गहराता जा रहा है. नई पेराई सीजन की शुरुआत से पहले गन्ने की कीमत तय न होने पर किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक दर घोषित नहीं की जाती, तब तक गन्ना पेराई शुरू नहीं होने दी जाएगी.
सरकार ने 2025–26 सीजन के लिए 3,550 रुपये प्रति टन की एफआरपी (न्यूनतम लाभकारी मूल्य) तय की है, जो 10.2 परसेंट रिकवरी दर के आधार पर तय की गई है. यह दर पिछले साल की तुलना में 4.4 परसेंट अधिक है. लेकिन कर्नाटक के किसान 4,000 रुपये प्रति टन की मांग कर रहे हैं. साथ ही 15 दिन के भीतर भुगतान की अनिवार्यता पर भी जोर दे रहे हैं. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने एक रिपोर्ट में जानकारी दी.
बेलगावी जिले में कुल 26 शुगर मिलें हैं, जिनमें से कई नवंबर 1 से पहले ही पेराई शुरू करने की तैयारी में हैं, जबकि सरकार ने आदेश दिया है कि पेराई का काम नवंबर 1 के बाद ही शुरू किया जाए.
आम तौर पर जिला प्रशासन किसानों, कारखाना मालिकों और चीनी विभाग के अधिकारियों के साथ एक प्री-सीजन बैठक आयोजित करता है, जिसमें गन्ने की कीमत, पेराई अवधि, ट्रांसपोर्ट चार्ज और बकाया राशि जैसे प्रमुख मुद्दों पर निर्णय लिया जाता है. हालांकि जिले की 26 मिलों में से अधिकांश काम शुरू करने के लिए तैयार हैं, फिर भी ये मामले अभी तक अनसुलझे हैं.
कुछ मिल कथित तौर पर 1 नवंबर से पहले पेराई शुरू करने की तैयारी कर रही हैं, जबकि सरकारी आदेश 1 नवंबर के बाद ही शुरू करने के हैं. किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि निर्देशों का उल्लंघन करने पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे.
किसान संगठनों—कर्नाटक राज्य रैता संघ (KRRS) और भारतीय कृषिक समाज (BKS) ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर मिलें समय से पहले पेराई शुरू करती हैं या मूल्य निर्धारण के बिना काम शुरू होता है, तो वे जोरदार आंदोलन करेंगे.
BKS अध्यक्ष सिदगौड़ा मोडागी ने मिल मालिकों की आलोचना करते हुए कहा कि “हर साल की तरह इस बार भी किसानों का शोषण जारी है. अभी तक कीमत, परिवहन दर और बकाया राशि को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.”
बेलगावी के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद रोशन ने पुष्टि की है कि आगामी 18 अक्टूबर को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसकी अध्यक्षता शुगर कमिश्नर गोविंद रेड्डी करेंगे. इसमें सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने और सीजन को सुचारू रूप से शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे.
बेलगावी में गन्ना किसानों और मिल मालिकों के बीच चल रहा यह गतिरोध न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि राज्यव्यापी आंदोलन का रूप भी ले सकता है, यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया.
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