सब्जियों और दालों के बढ़ते दाम से जनता परेशान है. हालांकि, खरीफ और जायद दो सीजन में उगाई जाने वाली दलहन फसल उड़द के दाम में गिरावट का रुख है. उपभोक्ता मामले मंत्रालय के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के अनुसार 10 जून को उड़द का औसत दाम 126.3 और अधिकतम 190 रुपये किलो था, जो एक महीने बाद 10 जुलाई को कम हो गया है. अब औसत दाम 125.39 और अधिकतम भाव 166 रुपये किलो रह गया है. इस बीच मंत्रालय ने यह भी दावा किया है कि अच्छी बारिश से खरीफ की बुवाई का रकबा बढ़ा है. इस साल 8 जुलाई तक देश में 5.37 लाख हेक्टेयर में उड़द की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि में सिर्फ 3.67 लाख हेक्टेयर था. भारत में करीब 37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द की बुवाई होती है.
बहरहाल, मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (NAFED) ने उड़द उगाने वाले किसानों का रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया है, ताकि उनकी उपज को एमएसपी पर खरीदा जा सके. मंत्रालय ने दावा किया है कि उपभोक्ता मामले विभाग की लगातार कोशिशों के बाद उड़द की कीमतों में कमी आ गई है. उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को स्थिर रखने की दृष्टि से केंद्र सरकार द्वारा किए गए उपाय काफी महत्वपूर्ण साबित हुए हैं.
इसे भी पढ़ें: Pm Kisan: खेती में पुरुषों के साथ कंधा मिलाकर काम कर रही हैं महिला किसान, फिर 'सम्मान' में भेदभाव क्यों
दावा है कि किसानों को अपनी उपज का पर्याप्त दाम मिलना सुनिश्चित हुआ है. केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए उड़द की एमएसपी 7400 रुपये प्रति क्विंटल तय की हुई है. जबकि वर्तमान सीजन यानी 2023-24 के लिए एमएसपी 6950 रुपये प्रति क्विंटल है. अच्छी बारिश होने की उम्मीद बढ़ने से किसानों का मनोबल भी बढ़ा है और ऐसी संभावना है कि इसके कारण मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में अच्छी उपज होगी. इस साल देश में इसकी बुवाई की रफ्तार पिछले साल से तेज है. लगभग 90 दिनों में उपज देने वाली इस फसल से इस साल खरीफ के मौसम में अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है.
खरीफ की बुवाई के मौसम से पहले, नेफेड और एनसीसीएफ जैसी सरकारी एजेंसियों की ओर से किए जाने वाले किसानों के पूर्व-पंजीकरण में उल्लेखनीय तेजी आई है. ये प्रयास किसानों को खरीफ मौसम के दौरान दलहन उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा हैं और इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. हालांकि एक कड़वा सच यह है कि दलहन फसलों की एमएसपी के मुकाबले ओपन मार्केट में अच्छा दाम है. ऐसे में सरकारी खरीद बहुत अच्छी होने का अनुमान लगाना बेमानी होगा. इसका एमएसपी 6950 रुपये क्विंटल है जबकि ओपन मार्केट में दाम 8688.51 रुपये है.
सरकार का दावा है कि अकेले मध्य प्रदेश में उड़द उगाने वाले 8,487 किसान पहले ही एनसीसीएफ और नेफेड के जरिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. महाराष्ट्र के 2037, तमिलनाडु के 1611 और उत्तर प्रदेश के 1663 किसानों ने एमएसपी पर फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. उधर, नेफेड और एनसीसीएफ की ओर से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत ग्रीष्मकालीन उड़द की खरीद का काम प्रगति पर है.
इसे भी पढ़ें: आलू, प्याज और टमाटर के दाम ने बढ़ाई महंगाई की टेंशन, केंद्र सरकार ने कर दिया बड़ा दावा
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today