महाराष्ट्र में किसानों को हल्दी के दाम नहीं मिल रहे हैं. महाराष्ट्र की मंडियों में हल्दी की आवक बेहतर हो रही है. लेकिन, दामों में गिरावट जारी है, आलम ये है कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्दी की कीमतें गिरकर लगभग 5000 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई हैं. व्यापारियों का कहना है कि देश के अन्य हिस्सों में कीमतें साल भर पहले की तुलना में कम चल रही है. क्योंकि उपयोगकर्ताओं और थोक व्यापारियों के पास यह अधिक मात्रा में है.
कृषि मंत्रालय की एक इकाई, एगमार्कनेट पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में बोकार, लोहा और कंधार जैसे कृषि उपज की मार्केटिंग समिति (एपीएमसी) यार्ड में हल्दी की कीमतें लगभग 5000 रुपये और उससे कम चल रही है.
बात करें पिछले साल की तो इसी समय बाजारों में हल्दी की कीमत लगभग 7000 रुपये थी. वहीं कीमतों को लेकर अन्य राज्यों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. तेलंगाना के निजामाबाद में कीमतें घट कर 5700 रुपये तक आ गई है. लेकिन, तमिलनाडु के इरोड जिले में कीमतें 6500 रुपये पर चल रही है. हल्दी के गुणवत्ता कम होने के कारण नई आवक 4400-5500 रुपये प्रति क्विंटल है. जिससे घरेलू मांग सुस्त दिख रही है. किसानों का कहना है कि फरवरी महीने के पहले सप्ताह से गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.
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व्यापारियों का कहना है कि कम फसल के कुछ अनुमानों के बावजूद इस मौसम में फसल अच्छी है. कुछ क्षेत्रों में उपज अधिक है और कुछ क्षेत्रों में कम है. हम सोच रहे हैं कि महाराष्ट्र में कुल उत्पादन क्या हो सकता है. क्योंकि इस वर्ष फसल के तहत क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई है.
व्यापारियों का कहना है महाराष्ट्र में कीमतें देश के अन्य हिस्सों में खासकर निजामाबाद की तुलना में 500-600 रुपये प्रति क्विंटल कम है. इसके अलावा इस वर्ष पिछले साल का स्टॉक की तुलना में अधिक है. 22 जनवरी को भारतीय मसाला सम्मेलन 2023 में की गई एक प्रस्तुत में कहा गया है कि पिछले वर्ष 13.29 लाख टन की तुलना में इस वर्ष हल्दी का उत्पादन 13.14 लाख टन होने की संभावना है. ओलम स्पाइसेस द्वारा किए गए एक अध्ययन के आधार पर दी गई प्रस्तुति में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट के बावजूद महाराष्ट्र के उत्पादन 10 प्रतिशत ज्यादा होने की संभावना है.
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