Farming Tips: जायद के मौसम में करें इन फसलों की खेती, होगा मुनाफा

Farming Tips: जायद के मौसम में करें इन फसलों की खेती, होगा मुनाफा

देश में खेती करने के लिए रबी खरीफ और जायद के तीन सीजन होते हैं. जायद के मौसम में ज्यादातर नकदी फसलें उगाई जाती हैं, ज‍िनमें तरबूज, खरबूज, खीरा और ककड़ी शाम‍िल हैं. आइए जानते हैं कैसे करें इन फसलों की खेती और कितना होता है मुनाफा. 

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Farming Tips: जायद के मौसम में करें इन फसलों की खेती, होगा मुनाफाजायद के मौसम में करें इन फसलों की खेती, होगा मुनाफा, फोटो साभार: freepik

देश में खेती के तीन सीजन हैं, ज‍िन्हें रबी, खरीफ और जायद का सीजन कहा जाता है. रबी और खरीफ की फसलें अक्सर चर्चाओं में बनी रहती हैं. लेकिन जायद सीजन के बारे में देश के अधिकांश किसानों को जानकारी नहीं है. असल में मौजूदा समय रबी का सीजन चल रहा है. इसके बाद जायद का सीजन आने वाला है. ऐसे में क‍िसानों को अभी से जायद सीजन की जानकारी होना जरूरी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए आज हम बात करेंगें जायद सीजन में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों के बारे में. साथ ही जानेंगे क‍ि जायद सीजन कब शुरू होता है. इस सीजन में कौन सी फसलें और क‍िस तरह से उगाई जाती हैं. 

जायद सीजन कब शुरू होती है?

जायद सीजन में फरवरी मध्य से मार्च के आखिरी तक बोई जाने वाली फसलें होती हैं, जिनकी पैदावार गर्मियों के दिनों में देखी जाती है. वैसे तो रबी और खरीफ सीजन में भी प्रमुख सब्जियों की खेती की जाती है. लेकिन, अनुकूल जलवायु के मुताबिक कुछ फसलों की बुवाई जायद के मौसम में करने पर किसानों को बढिया पैदावार और मुनाफा होता है. जायद के मौसम में ज्यादातर नकदी फसलें उगाई जाती हैं. जैसे, तरबूज, खरबूज, खीरा और ककड़ी आदि की खेती की जाती है. आइए जानते हैं कैसे करें इन फसलों की खेती और कितना होता है मुनाफा. 

तरबूज 

तरबूज जायद मौसम की प्रमुख फसल है. इसकी खेती मैदानी इलाकों में की जाती है. ये कम समय, कम पानी और कम खाद में भी आसानी से उगाई जाने वाली फसल है. गर्मी के दिनों में इसकी बाजार में काफी डिमांड बढ़ जाती है. क्योंकि ये अपने लाल रंग और मीठे स्वाद के लिए काफी लोकप्रिय फल है. जिससे किसान व्यापारिक रुप से इस फसल की खेती कर आसानी से लाभ कमा सकते हैं. 

खरबूज 

खरबूज एक कद्दु के वर्ग की फसल है. इसका फल स्वाद के मामले में काफी स्वादिष्ट होता है. इस फल को ग्रमियों में लोग बड़े ही चाव से खाते हैं. खरबूज की खेती किसी भी उपजाऊ मिट्टी में की जा सकती है. लेकिन, इसके लिए हल्कि रेतीली बलुई मिट्टी अनुकूल मानी जाती है. खरबूजे की रोपाई बीज और पौधे दोनों ही रुप में की जा सकती है. लेकिन, पौधे की तुलना में बीज लगाना आशआन होता है. इसकी खेती के लिए अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. 

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खीरा 

जायद फसलों में खीरे का एक अलग ही महत्वपूर्ण स्थान है. खीरे की तासिर ठंडी होने और खीरे में पानी की अधिक मात्रा होने की वजह से गर्मियों में खीरे की बाजार में काफी मांग रहती है. वैसे तो खीरे को रेतीली दोमट मिट्टी में उगाई जा सकती है. लेकिन, इसकी खएती के लिए अच्छे जल निकासी वाली बलुई और दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. किसान ऐसी फसल उगा के अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. 

ककड़ी

ककड़ी और खीरे लगभग एक ही मूल के माने जाते हैं. वहीं बात करें इन दोनों फसलों की खेती लगभग एक समान ही की जाती है. गर्मि‍यों में खीरे के साथ ककड़ी की भी बाजार मांग बनी रहती है. किसान इसकी खेती व्यापार के रुप में करते हैं. 

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