Sugarcane Farming: गर्मी में गन्ना गिरने से कैसे बचाएं? जानिए मिट्टी चढ़ाने और सिंचाई के उपाय

Sugarcane Farming: गर्मी में गन्ना गिरने से कैसे बचाएं? जानिए मिट्टी चढ़ाने और सिंचाई के उपाय

गर्मी के मौसम में गन्ने की बुआई करते समय यदि हम किस्म, उर्वरक, सिंचाई, कीट और रोग नियंत्रण पर ध्यान दें, तो अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है. किसानों को चाहिए कि वे वैज्ञानिक विधियों को अपनाएं और समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों की सलाह लें.

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गर्मी में गन्ना गिरने से कैसे बचाएं? जानिए मिट्टी चढ़ाने और सिंचाई के उपायगन्ने की खेती के लिए सही सलाह (Sugarcane farming)

Sugarcane Farming: गन्ना एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसे भारत के कई राज्यों में उगाया जाता है. मई का महीना ग्रीष्मकालीन गन्ने की बुआई के लिए उपयुक्त माना जाता है. हालांकि इस मौसम में उपज थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन यदि उचित किस्मों, उर्वरकों और जल प्रबंधन का ध्यान रखा जाए, तो अच्छी पैदावार संभव है. आइए जानें गर्मियों में गन्ने की खेती की सही विधियां.

गन्ने की बुआई का सही समय और विधि

  • मई में गन्ने की बुआई की जाती है. बुआई से पहले गन्ने के टुकड़ों को 24 घंटे पानी में भिगोकर रखने से उनका अंकुरण अच्छा होता है.
  • बुआई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी लगभग 60 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. यदि गन्ना काटने के बाद उसी खेत में दोबारा गन्ना बोना है, तो पहले पलेवा करना जरूरी है.

सही किस्मों का चयन

  • सी.ओ.एच.-37: मई के पहले सप्ताह तक बोई जा सकती है. तेजी से बढ़ने वाली, मोटा, नरम और रसीला गन्ना देती है.
  • सी.ओ.-1148 और सी.ओ.एस.-767: सूखा सहनशील किस्में हैं, जो कम पानी वाले क्षेत्रों में भी अच्छा उत्पादन देती हैं.

ध्यान रहे अधिक बढ़ने पर गन्ना गिर सकता है, इसलिए दोहरी पंक्ति विधि से बुआई करें, मिट्टी चढ़ाएं और बांधकर रखें.

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मिट्टी चढ़ाने का सही समय

यदि गन्ने के पौधे थोड़े बड़े हो जाएं, तो मई में हल्की मिट्टी चढ़ाना लाभकारी होता है. इससे न केवल खरपतवार नियंत्रण होता है, बल्कि पौधों को गिरने से भी रोका जा सकता है.

सिंचाई और जल प्रबंधन

  • गर्मी के इस मौसम में गन्ने को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है.
  • गन्ने की पूरी फसल के लिए 60-70 इंच पानी की जरूरत होती है, जिसमें आधा पानी बारिश से मिल जाता है.
  • हर 15-20 दिन के अंतराल पर खेत में सिंचाई करनी चाहिए, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे.

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खाद और उर्वरक प्रबंधन

बुआई के लगभग 3 महीने बाद 60-75 किलोग्राम नाइट्रोजन (130-163 किग्रा यूरिया) प्रति हेक्टेयर की टॉप ड्रेसिंग करें. इससे गन्ने की वृद्धि तेज होती है और पैदावार बढ़ती है.

कीट नियंत्रण उपाय

बुआई के समय 2 लीटर क्लोरोपायरीफॉस को 400 लीटर पानी में घोलकर पंक्तियों में डालें.
अगोलाबेधक कीट की रोकथाम के लिए

  • 1.5 लीटर मोनोक्रोटोफॉस 40 ईसी या
  • 30 किग्रा कार्बोफ्यूरॉन प्रति हेक्टेयर,
  • 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

अप्रैल से जुलाई के बीच रैनेक्सीपैर 20 एससी की 150 मि.ली. को 400 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
जून के अंत में 13 किग्रा कार्बोफ्यूरॉन प्रति एकड़ भूमि में डालना भी प्रभावी उपाय है.

रोग प्रबंधन

  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का चुनाव करें.
  • स्वस्थ बीज और समन्वित रोग प्रबंधन अपनाएं.
  • रोगग्रस्त पौधों को खेत से निकालें और 0.1% कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करें.

 

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