पंजाब में गोदामों में पहले से मौजूद चावल और दूसरे खाद्यान्न को ट्रांसफर करने को लेकर साप्ताहिक प्लान तैयार किया गया है. ताकि, ताजा खरीदी गई धान को रखने की जगह बनाई जा सके. बीते करीब 15 दिनों से कई किसान संगठन मंडियों में धान उठान दिक्कतों और खरीद में देरी को लेकर आंदोलित हैं. जबकि, चावल मिलर्स और एजेंट भी किसानों के प्रदर्शन के साथ खड़े हैं और पहले से भरे गोदामों को खाली करने की मांग उठाई है. इसके बाद अब केंद्र ने गोदामों को खाली करने के लिए साप्ताहिक मूल्यांकन योजना बनाई है.
केंद्रीय एजेंसियों के पास सरप्लस स्टॉक होने के चलते स्टोरेज की कमी को देखते हुए खाद्य मंत्रालय ने पंजाब से चावल का साप्ताहिक मूल्यांकन करने की योजना बनाई है. मूल्यांकन के बाद जरूरत के हिसाब से मौजूदा स्टॉक को ट्रांसफर किया जा सकेगा. इससे मौजूदा धान खरीद अभियान के लिए स्टोरेज की जगह बनाई जा सके. बता दें कि चावल के केंद्रीय पूल स्टॉक में सबसे बड़ा योगदान पंजाब का है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अगले कुछ महीनों में पंजाब से 40 लाख टन चावल निकाला जाएगा और निजी उद्यमी गारंटी योजना के तहत अतिरिक्त 20 लाख टन स्टोरेज सुविधा बनाई जा सकती हैं. स्टोरेज संकट के चलते पंजाब में पिछले साल 37.6 लाख टन की खरीद के मुकाबले मंगलवार तक किसानों से केवल 23 लाख टन धान खरीदा गया है. पंजाब से 185 लाख टन धान खरीदने का टारगेट हैं और 125 लाख टन फोर्टिफाइड चावल केंद्रीय पूल स्टॉक में पहुंचाने की संभावना है.
हाल ही में केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में चावल स्टोरेज क्षमता की कमी के चलते मंडियों से धान की खरीद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे किसानों में नाराजगी है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि हम धान स्टोरेज के लिए जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पंजाब और हरियाणा से सरप्लस चावल स्टॉक को निकालना हमारी पहली प्राथमिकता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today