उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक नई पहल की है. सरकार ने मक्का और आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी परियोजना की शुरुआत की है, जिसे ‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी कृषि मूल्य श्रृंखला विकास परियोजना’ कहा गया है. इस योजना के तहत सरकार और निजी कंपनियां मिलकर काम करेंगी, जिससे खेती के बाद की प्रक्रिया जैसे भंडारण, ग्रेडिंग, प्रसंस्करण और बिक्री को आसान और बेहतर बनाया जाएगा. इससे किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलेगा और बर्बादी भी कम होगी.
प्रदेश सरकार ने मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए देश की प्रमुख एग्री-टेक कंपनी ‘निन्जाकार्ट’ से समझौता किया है. कंपनी उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में 10 हजार से ज्यादा किसानों से हर साल 25 हजार टन मक्का खरीदेगी. यह मक्का एथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्रियों को भेजा जाएगा, जिससे भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्य को भी मदद मिलेगी.
आलू की खेती और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए विदेशी कंपनी एग्रिस्टो मासा से समझौता किया गया है. यह कंपनी किसानों को बेहतर किस्म के आलू उगाने, उसकी प्रोसेसिंग और विदेश भेजने की सुविधा देगी. इससे खासकर आलू उत्पादक जिलों में किसानों को नया बाजार और आमदनी का मौका मिलेगा.
इस परियोजना में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के साथ मिलकर काम किया जाएगा और महिला किसानों को भी प्रमुखता से शामिल किया जाएगा. उन्हें उन्नत बीज, कृषि मशीनरी, डिजिटल प्लेटफॉर्म, बीमा और पारदर्शी मूल्य तय करने वाली प्रणाली जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.
फसल कटाई के बाद उत्पाद खराब न हों, इसके लिए कोल्ड चेन, स्टोरेज और ग्रेडिंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी. इससे उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ेगी और नुकसान कम होगा. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना किसानों को आधुनिक खेती, अच्छे बाजार और बेहतर आमदनी से जोड़ने की ऐतिहासिक पहल है. इससे उत्तर प्रदेश कृषि क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
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