बागवानी फसलों के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जबकि उत्पादन होने का अनुमान जताया गया है. 2023-24 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार आम, केला अंगूर उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी, जबकि सेब, अमरूद, अनार और अनानास का उत्पादन घटने की बात कही गई है. इसके अलावा सब्जियों में टमाटर, फूलगोभी, लौकी, गाजर समेत कुछ अन्य के उत्पादन में इजाफा होगा, जबकि आलू, प्याज, बैंगन और शिमला मिर्च समेत अन्य सब्जियों की उपज कम रहने की आशंका जताई गई है. वहीं, फलों, शहद, फूलों, मसालों और सुगंधित-औषधीय पौधों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी का अनुमान जताया गया है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का 2023-24 का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है. आंकड़ों के अनुसार बागवानी फसलों का कुल क्षेत्रफल 2023-24 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 280.98 लाख हेक्टेयर रहने वाला है. जो बीते साल 2022-23 के 280.44 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है. वहीं, उत्पादन बीते साल की तुलना में कम रहने का अनुमान है. तीसरे अग्रिम अनुमानों के तहत बागवानी फसलों का उत्पादन 3530.19 लाख टन होने का अनुमान है, जो बीते साल 2022-23 के 3550.48 लाख टन की तुलना में 22.94 लाख टन कम है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के 2023-24 अंतिम अनुमान में फलों, शहद, फूलों, बागवानी फसलों, मसालों और सुगंधित एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार 2023-24 में फलों का उत्पादन बढ़ेगा. आम, केला, नींबू, अंगूर, कस्टर्ड सेब और अन्य फलों का उत्पादन 2022-23 की तुलना में 2.29 फीसदी बढ़कर यानी 112.73 मिलियन टन होने की उम्मीद है. वहीं सेब, मीठा संतरा, मैंडरिन, अमरूद, लीची, अनार, अनानास का उत्पादन 2022-23 की तुलना में घटने का अनुमान है.
2023-24 के दौरान सब्जियों का उत्पादन लगभग 205.80 मिलियन टन होने की उम्मीद जताई गई है. टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, टैपिओका, लौकी, कद्दू, गाजर, ककड़ी, करेला, परवल और भिंडी के उत्पादन में इजाफा होगा. जबकि, आलू, प्याज, बैंगन, जिमीकंद, शिमला मिर्च तथा अन्य सब्जियों के उत्पादन में कमी की आशंका जताई गई है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान 2023-24 के अनुसार प्याज का उत्पादन 242.44 लाख टन होने की उम्मीद है. देश में आलू का उत्पादन 2023-24 में लगभग 570.49 लाख टन होने की उम्मीद है, जिसका मुख्य कारण बिहार और पश्चिम बंगाल में उत्पादन में कमी दर्ज होना है. टमाटर का उत्पादन 2023-24 में 213.20 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल लगभग 204.25 लाख टन था यानी उत्पादन में 4.38 फीसदी का इजाफा होने की संभावना जताई गई है.
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