पंजाब में धान खरीद प्रक्रिया में तेजी दर्ज की गई है, जिसके चलते 2 नवंबर तक 4 लाख से अधिक किसानों से 86 लाख मीट्रिक टन धान खरीद ली गई है. धान खरीद का भुगतान भी सीधे किसानों के बैंक खाते में किया गया है. जोरों पर चल रही धान की खरीद के मद्देनजर 4132 मिलर्स को धान आवंटित कर दी गई है. बता दें कि पंजाब से 185 लाख टन धान खरीद का टारगेट रखा गया है, जिसके लिए 30 नवंबर 2024 तक खरीद प्रक्रिया चलती रहेगी.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-2025 के दौरान पंजाब में 2 नवंबर 2024 तक भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई और राज्य एजेंसियों ने कुल 85.41 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद कर ली है. केंद्र ने 4 लाख किसानों की धान उपज खरीदते हुए उनके बैंक खातों में सीधे 19800 करोड़ रुपये ट्रांसफर भी कर दिए हैं.
2 नवंबर 2024 तक पंजाब की मंडियों में कुल 90.69 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 85.41 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद राज्य एजेंसियों और एफसीआई के जरिए की गई है. धान की खरीद ग्रेड ‘ए’ धान के लिए केंद्र सरकार की ओर से तय एमएसपी 2320 रुपये पर की जा रही है और चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 में अब तक सरकार के जरिए खरीदा गया कुल धान 19800 करोड़ रुपये का है. यह धान 4 लाख किसानों से खरीदी गई है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार 4640 मिलर्स ने धान की छिलाई के लिए आवेदन किया है और 4132 मिलर्स को पंजाब राज्य सरकार की ओर से पहले ही काम आवंटित किया जा चुका है. बता दें कि पंजाब में धान की खरीद 1 अक्टूबर 2024 से शुरू हो गई थी. पूरे राज्य में 2927 नामित मंडियां और अस्थायी यार्ड चालू हैं. केंद्र सरकार ने चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए धान खरीद का अनुमानित टारगेट 185 लाख मीट्रिक टन तय किया है जो 30 नवंबर 2024 तक जारी रहेगा.
गौरतबल है कि सिंतबर में भारी बारिश और धान में नमी की अधिकता के चलते खरीद प्रक्रिया देर से शुरू हुई, जिसके चलते किसानों संगठन आंदोलन पर उतर गए थे. इसके अलावा धान उठान में देरी की शिकायतों को देखते हुए किसानों ने स्टोरेज समस्या के मुद्दे पर कई जगह जिला कार्यालयों का घेराव किया था. हालांकि, खरीद प्रक्रिया अब पटरी पर है और पूरे जोरों पर चल रही है.
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