scorecardresearch
हरियाणा में खरीदा गया सबसे ज्यादा गेहूं, व्यापार मंडल ने उठान को लेकर लगाया बड़ा आरोप

हरियाणा में खरीदा गया सबसे ज्यादा गेहूं, व्यापार मंडल ने उठान को लेकर लगाया बड़ा आरोप

आढ़तियों के एक नेता ने कहा कि इस समय अनाज मंडियों में लगभग 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिकने के लिए आ चुका है, मगर खरीद किए गए गेहूं का उठान न होने से लगभग 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों व सड़कों पर पड़ा हुआ है. खरीदा गया गेहूं उठाकर मंडियों से गोदाम में नहीं ले जाया जाएगा तो फिर दूसरे किसानों को गेहूं लाने के लिए मंडियों में जगह नहीं मिलेगी. हालांकि, खरीदे गए गेहूं का उठान करने के लिए राज्य सरकार ने रविवार को मंडियों को बंद रखने का फैसला लिया है.

advertisement
हरियाणा में सबसे ज्यादा खरीदा गया गेहूं हरियाणा में सबसे ज्यादा खरीदा गया गेहूं

हरियाणा के मुख्य सचिव ने भले ही गेहूं खरीद से जुड़े अधिकारियों को एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं का मंडियों से जल्द से जल्द उठान करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा. हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कुछ मंडियों का दौरा करने के बाद यह आरोप लगाया है. गर्ग ने कहा कि इस समय अनाज मंडियों में लगभग 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिकने के लिए आ चुका है, मगर खरीद किए गए गेहूं का उठान न होने से लगभग 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों व सड़कों पर पड़ा हुआ है. खरीदा गया गेहूं उठाकर मंडियों से गोदाम में नहीं ले जाया जाएगा तो फिर दूसरे किसानों को गेहूं लाने के लिए मंडियों में जगह नहीं मिलेगी. हालांकि खरीदे गए गेहूं का उठान करने के लिए राज्य सरकार ने रविवार को मंडियों को बंद रखने का फैसला लिया है.

गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री के गेहूं खरीद, उठान व भुगतान के दावे फेल साबित हो रहे हैं. सरकार के झूठे व खोखले दावों के कारण किसान व आढ़ती बर्बाद हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री किसान की फसल की समय पर खरीद, उठान व भुगतान न करा सके उस मुख्यमंत्री को अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. गर्ग ने कहा कि हरियाणा में कई बार बारिश होने के कारण किसान की लाखों क्विंटल गेहूं व सरसों खराब हुई है. सरकार को खराब फसल का तुरंत प्रभाव से मुआवजा देना चाहिए.

इसे भी पढ़ें: सरसों, सोयाबीन की MSP के ल‍िए तरसे क‍िसान, त‍िलहन त‍िरस्कार का है इंटरनेशनल कनेक्शन! 

क्यों नहीं उठाया जा रहा गेहूं?

गर्ग ने कहा कि गेहूं उठान के ठेकेदार गेहूं उठान के नाम पर तीन से लेकर पांच रुपये तक प्रति बोरी के हिसाब से आढ़तियों से मांग रहे हैं. ठेकेदार सरकारी अधिकारियों से मिलकर अपने निजी स्वार्थ के लिए गेहूं उठान में देरी कर रहे हैं. सरकार को गेहूं उठान में देरी करने वाले ठेकेदारों व सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. यही नहीं सरकार को अपने वादे के अनुसार 72 घंटे के अंदर गेहूं की खरीद, उठान व भुगतान करना चाहिए, ताकि किसानों, आढ़तियों व पल्लेदारों को राहत मिल सके.

कितनी हुई खरीद

सरकारी एजेंसियां देश में अब तक 73 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद कर चुकी हैं. जिसमें सबसे आगे हरियाणा है. यहां पर अब तक 34 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीद हो चुकी है. जबकि इस साल प्रदेश में 80 लाख टन गेहूं बफर स्टॉक के लिए खरीदे जाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य की कई मंडियों में गेहूं की बंपर आवक हो रही है. हालांकि व्यापार मंडल का आरोप है कि जो पहले से खरीदा गया गेहूं है उसका उठान न होने की वजह से दूसरे किसानों को गेहूं बेचने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि मंडियों में गेहूं रखने की जगह नहीं बची है.

यह भी पढ़ें- संयुक्त किसान मोर्चा ने एनडीए के खिलाफ भरी हुंकार, बक्सर में पीएम के कार्यक्रम में दर्ज करेंगे विरोध