संयुक्त किसान मोर्चा बिहार सरकार से लेकर केंद्र की वर्तमान सरकार के खिलाफ काफी मुखर दिख रही है. बक्सर में किसान महापंचायत का आयोजन करने के बाद किसान संगठन अब नई लड़ाई की तैयारी में जुट गई है. चौसा थर्मल पावर प्लांट मामले में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा अब एक नया मोड़ देखने को मिलने वाला है. 20 मार्च को चौसा के बानरपुर, मोहनपुरावा और कोचाढी में किसानों के परिवार पर लाठीचार्ज और उनके घरों का सामान तोड़ने का आरोप ग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया गया है. अब उन्हीं साजो समान को गाड़ी पर लादकर तथा घायल लोगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा 17 मई से पूरे बक्सर जिला में घूमने की तैयारी कर रहा है.
इसके साथ ही आने वाले दिनों में अपने कार्यक्रम को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बिहार झारखंड प्रभारी दिनेश सिंह ने कहा कि पूरे चुनाव के दौरान बक्सर सहित अन्य स्थानों पर चौक-चौराहे पर नुक्कड़ सभा द्वारा मोदी नीतीश सरकार की किसान विरोधी चेहरे को बेपर्दा करने का काम किया जाएगा. चुनाव के दौरान अगर बक्सर में पीएम नरेंद्र मोदी सीएम नीतीश कुमार का कार्यक्रम होता है तो उसके एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस निकाला जाएगा. साथ ही एक मेमोरेंडम पीएम मोदी को देने के लिए उनके अधिकारियों को दिया जाएगा. वहीं अगर अधिकारी पीएम मोदी को मेमोरेंडम से जुड़ी जानकारी नहीं देते है तो पीएम के कार्यक्रम में संयुक्त किसान मोर्चा उन्हें बताने का काम करेगा.
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किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि बक्सर के चौसा ब्लॉक बनारपुर,कोच्चाढ़ी और मोहनपुरवां में 400 पुलिस जवानों को लेकर 20 मार्च 2024 को किया गया हिंसक,अमानवीय और दर्दनाक कांड प्रशासन की घिनौना पूर्ण कार्रवाई है. फिर भी मोदी-नीतीश सरकार अब तक मौन हैं? उन्हें इस घटना पर बिहार के किसानों को जवाब देना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण में जिला प्रशासन और सत्ता के दलालों की मिलीभगत से हुए घोटाले को छिपाने के लिए एक सुविचारित और सुनियोजित साजिश के तहत गांव पर हमला किया गया है. ताकि लोग डर कर घोटाले की चर्चा ना करें.
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बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि बेकसूर गिरफ्तार किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए . वहीं घटना में शामिल तमाम पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों तथा भाड़े पर लाए गए कंपनियों के गुंडों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए. पूरे मामले की न्यायिक जांच एवं कठोर कार्रवाई हो. कैग के रिपोर्ट के अनुसार जमीन अधिग्रहण में हुए घोटाले की जांच हो.
आगे उन्होंने कहा कि चौसा सहित पूरे बिहार में हो रहे जमीन अधिग्रहण में किसानों को वर्तमान बाजार दर से चार गुना मुआवजा प्रदेश की सरकार दें. वहीं गेहूं की खरीदी में सरकार प्रति क्विंटल 500 रुपये का किसानों को बोनस दें. संयुक्त किसान मोर्चा भाजपा एवं मोदी सरकार के विनाशकारी विकास के कॉर्पोरेट समर्थक मॉडल और सत्तावाद को बेनकाब करने का काम करेगा. वहीं इनके पक्ष में मत नहीं देने की अपील लोगों से किया जाएगा.
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