
भारत सरकार न्यूजीलैंड के साथ कृषि उत्पादों के कारोबार का बड़ा साझीदार बनने की कोशिश में जुट गई है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और न्यूजीलैंड के कृषि, वानिकी, व्यापार और विदेश मामलों के एसोसिएट मंत्री टॉड मैक्ले के बीच सोमवार को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस मौके पर भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो भारत से जाने वाले अनार के दानों को न्यूज़ीलैंड में मार्केट एक्सेस प्रदान करने और यहां से निर्यात किए जाने वाले आमों पर प्रतिबंध हटाने के लिए न्यूजीलैंड सरकार के आभारी हैं. न्यूजीलैंड के अधिकारियों ने आम के निर्यात के लिए लखनऊ और दिल्ली में दो नई वाष्प ताप उपचार (VHT- Vapour Heat Treatment) मशीनों की सुविधाओं का ऑडिट किया है. भारत सरकार उम्मीद करती है कि इन वीएचटी सुविधाओं से भी न्यूजीलैंड द्वारा निर्यात की शीघ्र अनुमति दे दी जाएगी. जिससे न्यूजीलैंड को भारतीय आमों का निर्यात और बढ़ेगा.
दरअसल, वीएचटी मशीनें होती हैं, जिनके जरिए आमों का ट्रीटमेंट किया जाता है. वीएचटी फल मक्खी जैसे कीटों को नियंत्रित करने की एक प्रभावी विधि है. कई देश बिना ट्रीटमेंट के आम नहीं लेते हैं. इसलिए निर्यात से पहले आम का हॉट वाटर ट्रीटमेंट किया जाता है ताकि उसकी गुणवत्ता बनी रहे. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड ने मुंबई के वाशी में वीएचटी मशीन लगाई हुई है. जहां से ट्रीटमेंट करके जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय देशों और मॉरीशस आदि को आमों का निर्यात किया जाता है. बहरहाल, एपिडा के मुताबिक भारत ने 2023-24 के दौरान न्यूजीलैंड को सिर्फ 3.77 करोड़ रुपये के आम का निर्यात किया, जो बहुत कम है. हालांकि, इस साल अंगूर का निर्यात नहीं हुआ है. निर्यात बढ़ेगा तो किसानों को लाभ मिलेगा.
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बैठक में चौहान ने कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट को लेकर सहयोग जारी रखने के लिए भारत के समर्थन को दोहराया. साथ ही संतरे व केले जैसे ताजे और सूखे फलों सहित अन्य कृषि उत्पादों में व्यापार के विस्तार की संभावना पर जोर दिया. चौहान ने विशेष रूप से न्यूजीलैंड को अंगूर निर्यात करने के लिए भारतीय निर्यातकों को शीघ्र बाजार पहुंच प्रदान करने पर विचार करने का उल्लेख किया.
दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार व निवेश को और बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की. बातचीत पर अमल हुआ तो आने वाले दिनों में अंगूर निर्यातकों की बल्ले-बल्ले हो सकती है. इस बैठक में दोनों देशों के आपसी हितों के प्रमुख क्षेत्रों व सहयोग के अवसरों पर चर्चा की गई. मंत्रियों ने कृषि साझेदारी को और मजबूत करने के लिए जोर दिया, जिसमें हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.
बैठक में केंद्रीय मंत्री चौहान ने भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए न्यूजीलैंड सरकार के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला. साथ ही न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासियों के महत्वपूर्ण योगदान और दोनों देशों के बीच बढ़ते शैक्षिक आदान-प्रदान का उल्लेख किया. न्यूजीलैंड के मंत्री टॉड मैक्ले ने न्यूजीलैंड से भारत को पाइन लॉग निर्यात की हाल ही में फिर से शुरूआत के लिए धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें पिछली चुनौतियों से उबरने में मदद मिली.
बैठक में विशेष रूप से बागवानी और मछली पालन में सहयोग की संभावनाओं को देखते हुए रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए तकनीकी सहयोग के महत्व पर भी चर्चा की गई. मंत्रियों ने दोनों देशों के किसानों, उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए आर्थिक और व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करने की बात कही. बैठक में, भारत में न्यूजीलैंड के हाई कमिश्नर पैट्रिक राटा भी मौजूद रहे.
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