सिर्फ 2 महीने में तैयार हो जाएगी धान की ये किस्म, इस तरीके से करें खेती तो बंपर होगी कमाई

सिर्फ 2 महीने में तैयार हो जाएगी धान की ये किस्म, इस तरीके से करें खेती तो बंपर होगी कमाई

रबी सीजन के खत्म होते ही किसान अपने खेतों को खाली छोड़ देते हैं. जिससे उन्हें नुकसान होता है. दरअसल, किसान मार्च के महीने में भी धान की खेती कर सकते हैं. मार्च के महीने में धान की इस किस्म की खेती करने से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं कौन सी है वो किस्म.

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सिर्फ 2 महीने में तैयार हो जाएगी धान की ये किस्म, इस तरीके से करें खेती तो बंपर होगी कमाईधान की खेती

रबी फसल की कटाई के बाद कई राज्यों में किसान धान की खेती में जुट गए हैं. वैसे तो धान की खेती खरीफ के सीजन में की जाती है, लेकिन, जायद सीजन में उगाया जाने वाला एक धान काफी फेमस है. इस धान का नाम गरमा है. गरमा धान सामान्य धान से थोड़ा अलग होता है. इस धान की खासियत यह है कि ये कम लागत और कम समय में तैयार हो जाता है और किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे की जाती है गरमा धान की खेती और क्या है इसकी खासियत.

2 महीने में तैयार होगी फसल

रबी की फसल कटते ही कई राज्यों में किसान गरमा धान की रोपाई शुरू कर देते हैं. वहीं, ये धान खरीफ सीजन आने से पहले ही यानी सिर्फ 2 महीने के अंदर पक कर तैयार हो जाता है. इसकी अगेती बुवाई मार्च में और पछेती बुवाई मई के आखिर में की जाती है. मार्च में बोया गया धान मई और जून में तैयार हो जा जाता है. वहीं. पछेती बुवाई वाला धान जुलाई के आखिर या अगस्त के पहले सप्ताह तक पूरी तरीके से पक जाता है. ऐसे में किसान खेतों को खाली छोड़ने के बजाय गरमा धान लगाते हैं ताकि वे अधिक मुनाफा कमा सकें.

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कैसे करें गरमा धान की बुवाई

गरमा धान की खेती के लिए सबसे पहले उसके बीज को तैयार किया जाता है. बता दें कि इसके बीज को तैयार होने में भी अन्य धान की तुलना में कम समय लगता है. बीज तैयार हो जाने के बाद खेत तैयार करके इसकी बुवाई की जाती है. बुवाई के समय इसके पौधे को 15 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए. वहीं, गरमा धान की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है क्योंकि इसमें पानी को रोकने की क्षमता अधिक होती है और जल निकासी की व्यवस्था भी अच्छी होती है.

अच्छी कमाई देगा गरमा धान

गरमा धान कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा देता है. गरमा धान की खेती करने के कई फायदे हैं. सबसे पहले, यह किसानों को साल में दो फसलों के बीच एक अतिरिक्त फसल देती है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ती है. ऐसे में किसान खाली पड़े खेतों में गरमा धान लगाते हैं और धान कम समय के अंदर सुनहरे रंग के साथ तैयार हो जाता है. बता दें कि इस धान की डिमांड कई राज्यों में है. ये धान थोड़ा मोटा है. इस वजह से इसकी डिमांड चूड़ा बनाने में अधिक होती है.

बता दें कि गरमा धान की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में की जाती है. वहीं, इस धान की डिमांड पश्चिम बंगाल में काफी ज्यादा है. वहां के व्यापारी इस धान की खरीदारी सबसे अधिक करते हैं क्योंकि वहां इससे बने चूड़े की काफी डिमांड है. इस धान से बना चूड़ा अच्छा और स्वादिष्ट होता है.

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