उत्तर प्रदेश में जिलावार फसलों का ई-सर्वे होगा. इसके लिए कृषि विभाग ने जिला-स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं. कहा जा रहा है कि इस सर्वे के माध्यम के कृषि विभाग प्रदेश में खरीफ, रबी, और जायद फसलों का रकबा और उत्पादन का सटीक अनुमान लगा पाएगा. साथ ही इससे सरकार को अपनी योजनाओं को धरातल पर लागू करने में भी मदद मिलेगी. ऐसे में किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा और फसलों की उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के प्रमुख कृषि सचिव रविन्द्र कुमार ने ई-सर्वे को लेकर आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि राज्य भर में फसलों का रकबा, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए ई-सर्वे बहुत ही जरूरी है. इससे कृषि योजनाओं को सही तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी. वहीं, इस दौरान कृषि विभाग ने राजस्व विभाग के पहले के निर्देशों का हवाला भी दिया. उसने खरीफ, रबी और जायद सीजन के दौरान सटीक फसल ई-सर्वे करने के महत्व के बारे में बताया.
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प्रमुख कृषि सचिव रविन्द्र कुमार ने कहा कि राजस्व विभाग के पहले के सर्वे से प्राप्त आंकड़े फसल क्षेत्रों का अनुमान लगाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. ये आंकड़े बहुत सी सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए भी बहुत जरूरी हैं. वहीं, सरकारी आदेश में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि फसल-कटिंग प्रयोगों के आधार पर फसल उत्पादन अनुमान, भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीसीई एग्री ऐप और जीसीई ऐप का उपयोग करके व्यवस्थित रूप से ई-सर्वे किया जाना चाहिए. ये अनुमान विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे कई फसल बीमा योजनाओं के तहत किसानों को मुआवजा देने के आधार के रूप में काम करते हैं.
विभाग ने जिला अधिकारियों को सर्वे की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ये प्रयोग सही तरीके से किए जाएं. साथ ही सटीक डेटा संग्रह और इसका विश्लेषण किया जाए. आदेश में कहा गया है कि कृषि विभाग का लक्ष्य कृषि योजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना और पूरे राज्य में उत्पादकता में सुधार करना है. कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कदम किसानों को मुआवजा सुनिश्चित करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट ओरिएंटेड कृषि और बागवानी क्लस्टर बनाने की योजना पर काम कर रही है. इसके तहत उसने अगले तीन से चार वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये के कृषि निर्यात करने का टारगेट सेट किया है. हालांकि, वर्तमान में राज्य का सालाना कृषि निर्यात लगभग 20,000 करोड़ रुपये का है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि सरकार की इस कोशिश से किसानों को काफी फायदा होगा. निर्यात बढ़ने से अन्नदाताओं की कमाई भी बढ़ेगी.
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