बाढ़-बारिश से कपास और मूंगफली फसलों को भारी नुकसान, राहत राशि जारी करेगी राज्य सरकार 

बाढ़-बारिश से कपास और मूंगफली फसलों को भारी नुकसान, राहत राशि जारी करेगी राज्य सरकार 

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में मॉनसूनी बारिश से दलहन, तिलहन फसलों को नुकसान पहुंचा है. मौसम विभाग के अनुसार गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में बारिश और बाढ़ से कपास के पौधों को नुकसान पहुंचा है और कई एकड़ मूंगफली फसल पानी में डूब गई है.

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बाढ़-बारिश से कपास और मूंगफली फसलों को भारी नुकसान, राहत राशि जारी करेगी राज्य सरकार गुजरात के किसानों की फसलों के नुकसान का आकलन केंद्रीय दल कर रहा है.

बारिश-बाढ़ के चलते कपास, मूंगफली, सोयाबीन और दलहन समेत खरीफ सीजन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. गुजरात में कपास और मूंगफली की खेती को सर्वाधिक नुकसान हुआ है. जबकि, अगले कुछ दिनों तक चक्रवात के चलते तेज हवाएं चलने की संभावनाओं ने किसानों को डरा दिया है. क्योंकि, खेत में खड़ी फसलों के गिरने का खतरा बढ़ गया है. उधर, इस सीजन किसानों ने पहले ही कपास की कम बुवाई की है. गुजरात के किसानों की फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल तैनात किया गया है, आंकड़े जुटाने के बाद किसानों को मुआवजा जारी किया जाएगा.   

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में मॉनसूनी बारिश के चलते दलहन, तिलहन फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पश्चिमी राज्य गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में पिछले सप्ताह तेज बारिश दर्ज की गई है. बारिश और बाढ़ के हालातों से कपास के पौधों को नुकसान का खतरा बढ़ गया है. जबकि, कई एकड़ मूंगफली फसल पानी में डूब गई है, जिससे उत्पादन घटने की आशंका है. 

कपास और मूंगफली को नुकसान 

कृषि एक्सपर्ट का अनुमान है कि कपास के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ सकता है. मूंगफली के उत्पादन में संभावित गिरावट से आपूर्ति कम हो सकती है. आशंका जताई गई है कि उत्पादन में गिरावट के चलते कीमतों पर दबाव बढ़ेगा. जबकि, बीते साल कॉटन कीमतें एमएसपी से भी निचले स्तर पर चली गई थीं, जिसकी वजह से पंजाब समेत अन्य राज्यों में किसान कपास की खेती से शिफ्ट होकर बासमती या दूसरी फसलों पर चले गए हैं. 

कपास के रकबे में तेज गिरावट 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन 2024-25 में देशभर में कपास की बुवाई में बीते साल की तुलना में गिरावट आई है. 20 अगस्त 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में 111.07 लाख हेक्टेयर एरिया में बुवाई की गई है, जो पिछले साल 122.15 लाख हेक्टेयर में की गई थी. गुजरात की कपास गुजकॉट ट्रेड एसोसिएशन के अनुसार 13 जुलाई तक गुजरात में 18.6 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई की जा चुकी है. गुजरात में 2023-24 सीज़न के दौरान 26.83 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी. 

मूंगफली बुवाई में बंपर बढ़ोत्तरी 

मूंगफली फसलों के उत्पादन में इस बार बढ़ोत्तरी का अनुमान है, क्योंकि देशभर में 3 लाख हेक्टेयर बढ़कर 46.82 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की खेती की गई है, जो बीते सीजन में 43.14 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी. गुजरात में 20 जुलाई तक मूंगफली की बुआई का आंकड़ा पिछले तीन सालों के सालाना औसत रकबे 17.51 ​​लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा है.  2021 खरीफ सीजन के बाद यह पहली बार है कि मूंगफली की बुआई 18 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हुई है. 2019 में मूंगफली का रकबा 16.88 लाख हेक्टेयर, 2020 में 21.62 लाख हेक्टेयर था.

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