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Rajasthan: पानी में हुई सियासत की मिलावट, अब अकालियों का पंजाब में विरोध

Rajasthan: पानी में हुई सियासत की मिलावट, अब अकालियों का पंजाब में विरोध

हनुमानगढ़ के किसान बीते 23 दिनों से नरमा बिजाई के लिए पंजाब से सरहिंद नहर से पानी देने की मांग कर रहे हैं. बुधवार को पंजाब के अबोहर में अकाली दल ने पंजाब सरकार से राजस्थान को पानी नहीं देने की मांग को लेकर बड़ा धरना दिया.

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हनुमानगढ़ में सिंचाई के पानी को लेकर हुए धरने में बैठे किसान. फाइल फोटो- हनुमानगढ़ में सिंचाई के पानी को लेकर हुए धरने में बैठे किसान. फाइल फोटो-

भाखड़ा प्रणाली से राजस्थान को पानी देने का विरोध पंजाब में भी शुरू हो गया है. राजस्थान को दिए जाने वाले पानी की मांग अब पूरी तरह सियासी मुद्दा बन गया है. हनुमानगढ़ के किसान बीते 23 दिनों से नरमा बिजाई के लिए पंजाब से सरहिंद नहर से पानी देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन बुधवार को पंजाब के अबोहर में अकाली दल ने पंजाब सरकार से राजस्थान को पानी नहीं देने की मांग को लेकर बड़ा धरना दिया. इसे पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने संबोधित किया. बादल ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ पंजाब सरकार के खिलाफ धरना दिया. 

“मर जाएंगे लेकिन पंजाब का पानी राजस्थान को नहीं देंगे”

स्थानीय मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक बादल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा, “किसी भी सूरत में पंजाब का पानी राजस्थान को नहीं देने देंगे. इसके लिए भले ही जान देनी पड़े. पंजाब में आम आदमी पार्टी के मान सरकार ने जब राजस्थान को पानी देने का आश्वासन दिया, तभी अकाली दल ने अबोहर में विरोध करने का निर्णय ले लिया था. सुखवीर ने अपने 20 मिनट के भाषण में करीब पांच मिनट राजस्थान और पंजाब के सिंचाई पानी को लेकर बोले.”

भाखड़ा नहरों में मिल रहा सिर्फ 40 क्यूसेक पानी

सियासी माहौल के बीच राजस्थान में हनुमानगढ़ के किसान सिंचाई के पानी के लिए तरस रहे हैं. फिलहाल भाखड़ा की नहरों में सिर्फ 49 क्यूसेक पानी ही पंजाब की ओर से दिया जा रहा है. जबकि इस महीने के लिए 850 क्यूसेक पानी राजस्थान के हिस्से आना है. इस पानी के लिए हनुमानगढ़ के किसान बीते दो मई से लगातार धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम और प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं. 

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भगवंत मान ने दिया था हिस्से का पूरा पानी देने का आश्वासन

बीते दिनों हनुमानगढ़ के किसान नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में पंजाब के सीएम भगवंत मान से मिले थे. इस मीटिंग में मान ने राजस्थान को उनके हिस्से का 850 क्यूसेक पानी देने का आश्वासन दिया था. हालांकि किसान 1200 क्यूसेक पानी की मांग कर रहे थे. 

पानी की मांग को लेकर किसानों को एकजुट कर रहे ग्रामीण किसान-मजदूर समिति के रणजीत सिंह किसान तक से कहते हैं, "पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बेनीवाल के सामने हम किसानों को आश्वासन दिया कि वे राजस्थान के हिस्से का 850 क्यूसेक पानी भाखड़ा प्रणाली में छोड़ेंगे. लेकिन हमारे आने के बाद उन्हें विपक्षी दलों के विरोध का सामना करना पड़ा.अकाली दल विरोध में अगुवा है. हम सिर्फ अपने हिस्से का पानी मांग रहे हैं. आईजीएनपी की रिलाइनिंग के कारण भाखड़ा का हिस्सा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में सरहिंद फीडर से देने की मांग हम किसान कर रहे हैं. इसके लिए ही हमें भगवंत मान ने आश्वासन दिया था, लेकिन पंजाब के नेता इस पर बेवजह राजनीति कर रहे हैं." 

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क्या है किसानों की मांग?

ग्रामीण किसान-मजदूर समिति के रणजीत सिंह ने किसान तक को बताया, “हनुमानगढ़ को सिंचाई के लिए पानी इंदिरा गांधी नहर से मिलता है, लेकिन इसमें 30 जून तक बंदी है. ऐसे में हमें नरमा बिजाई के लिए पानी नहीं मिल रहा. आईजीएनपी से पहले सरहिंद नहर के जरिए हमें पानी मिलता था. 

हम किसान कुछ दिनों के लिए इस नहर से पानी की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि इससे पंजाब की जरूरत ही पूरी होती है. पंजाब में सरकारी आदेश है कि वहां 15 जून से पहले धान की बुवाई नहीं होती. इसीलिए हमारी मांग है कि 15 जून तक सरहिंद नहर में आ रहे पानी को हमें बिजाई के लिए उपलब्ध कराया जाए.  

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