राजस्थान में किसानों से जो उपज एमएसपी पर खरीदी गई है, उसमें से करीब आधे किसानों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. किसान बिना भुगतान के परेशान हैं. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पहले तो किसानों से उनकी पूरी उपज नहीं खरीदी जाती, जो उपज खरीदी जाती है उसका भुगतान महीनों तक बाकी है. इससे किसान आर्थिक रूप से परेशान हो रहा है.
जाट किसान तक को बताते हैं, “अभी तक 1,26,638 किसानों से सरसों और चना की खरीद की गई है. इनमें से लगभग आधे 61,367 किसानों का भुगतान बकाया है. इसमें 429.23 करोड़ रुपये सरसों और 401.52 करोड़ रुपये चना की उपज के शेष हैं. दोनों उपजों का 830.76 करोड़ रुपये बकाया है. सोचिए इतनी राशि किसानों के लिए कितनी महत्वपूर्ण होगी?”
रामपाल जोड़ते हैं, “इतनी राशि का ब्याज 8.30 करोड़ रुपये होता है. जबकि प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (2018) के अंतर्गत किसानों को उपज बिकने के तीन दिन में भुगतान करने का प्रावधान है. अधिकांश किसानों को 30 दिन से अधिक का समय के बाद भी भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है. यह कदम किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय करने से हतोत्साहित करने वाला अन्यायकारी है.”
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प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने के लिए सरसों और चना के 1280 केन्द्र बनाए गए हैं. यानी प्रत्येक उपज के लिए 640 केन्द्र हैं. लेकिन प्रदेश में आज भी कई जगहों पर खरीद केन्द्र नहीं बनाए गए हैं. किसान यहां अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं. कई खरीद केन्द्रों पर अभी तक तुलाई ही शुरू नहीं हुई है. इनमें जैतारण, बानसूर जैसे केन्द्र शामिल हैं.
जाट जोड़ते हैं कि किसानों और राज्य सरकार के बीच 10 अक्टूबर 2019 में एक लिखित समझौता हुआ था कि उपज बेचान के लिए ग्राम सहकारी समितियों की कुल संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत खरीद केन्द्र बनाए जाएंगे, लेकिन अभी दोनों उपजों के लिए सिर्फ 1280 खऱीद केन्द्र बनाए गए हैं. यह नाकाफी हैं और उस समझौते का उल्लंघन भी है. समझौते के अनुसार प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति पर खरीद केन्द्र स्थापित करने की सैद्धांतिक सहमति बनी थी.
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राजस्थान में सरसों और चना की उपज बेचने के लिए अब तक 3,14, 864 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें से 1,93835 किसानों को बेचान के लिए तारीख का आवंटन कर दिया गया है. वही, सरकार ने अब तक 304070.44 मीट्रिक टन उपज खरीदी है. इसमें से 138043.21 मीट्रिक टन सरसों और 166027.24 मीट्रिक टन चना की खरीद की गई है. सरकार ने 1638.09 करोड़ रुपये की उपज खरीद ली है.
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